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रांची23 मिनट पहले
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झारखंड के CM हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनी मामले पर मंगलवार को पहले सुप्रीम कोर्ट फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट पहले याचिका की वैधता पर सुनवाई करे। इसके आधार पर तय किया जाए कि याचिका सुनवाई योग्य है कि नहीं। इसके अलावा किसी बिन्दु पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया।
इसके बाद मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई।चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच ने ने कहा कि पहले कोर्ट पहले मेंटेनबिलिटी पर सुनवाई करेगी उसके बाद केस की मेरिट पर सुनवाई होगी।
इसके बाद सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने अगली सुनवाई के लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जून की तिथि निर्धारित की है। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा वही ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है।
क्या है पूरा मामला
CM के करीबियों के शेल कंपनी चलाने का आरोप लगाते हुए शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की है। इस मामले की पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने ईडी से भी इस मामले में जानकारी मांगी थी। साथ ही रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाया था।
प्रार्थी की तरफ से कोर्ट में ऐसा बताया गया है कि CM हेमंत सोरेन, उनके परिजन और करीबी लगभग 400 शेल कंपनी चलाकर कमाई कर रहे हैं। सरकार के नजदीकी अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल के सगे संबंधी ही इस तरह की कंपनी चलाते हैं। इनमें झारखंड से कमाई गई राशि को निवेश कर होटल, मॉल सहित अन्य संपत्ति खरीदी गयी है।
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