Home Bihar सेवा अवधि में अनियमितता: 474 विश्वविद्यालय शिक्षक व कर्मचारियों की पेंशन, प्रोन्नति और बकाए भुगतान पर रोक; सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने बिहार के 9 विवि के वीसी को दिया निर्देश

सेवा अवधि में अनियमितता: 474 विश्वविद्यालय शिक्षक व कर्मचारियों की पेंशन, प्रोन्नति और बकाए भुगतान पर रोक; सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने बिहार के 9 विवि के वीसी को दिया निर्देश

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सेवा अवधि में अनियमितता: 474 विश्वविद्यालय शिक्षक व कर्मचारियों की पेंशन, प्रोन्नति और बकाए भुगतान पर रोक; सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने बिहार के 9 विवि के वीसी को दिया निर्देश

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मुजफ्फरपुरएक घंटा पहलेलेखक: शिशिर कुमार

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पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय के कर्मी भी कार्रवाई के घेरे में - Dainik Bhaskar

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय के कर्मी भी कार्रवाई के घेरे में

सेवा अवधि में अनियमितता की चल रही जांच के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग ने बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 474 शिक्षक एवं कर्मचारियों के पेंशन, प्रोन्नति एवं बकाए भुगतान पर रोक लगा दी है। इनमें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 73 शिक्षक कर्मचारी हैं।

लेकिन, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने इन शिक्षक-कर्मचारियों को 2018 में ही वर्ष 2009 से 2018 के बीच की अवधि के बकाए 22 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। हैरानी की बात यह है कि इसमें नन वर्किंग पीरियड यानी उस अवधि के भी बकाए का भुगतान हो गया, जिस दौरान शिक्षक-कर्मी ड्यूटी पर थे ही नहीं। कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर ने कहा कि सरकार का पत्र मिला है। आदेश के आधार पर विचार कर कार्रवाई हो रही है।

2009 से रुक गया था इन कर्मियों का वेतन
सेवा से हटाने के बाद 2009 से इन कर्मियों का वेतन रूक गया था। इसके खिलाफ जब ये शिक्षक कर्मी कोर्ट गए तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2018 में फिर से बहाली हुई। इसमें बकाए आदि के भुगतान का भी निर्देश दिया गया। लेकिन, विवि की मानें तो एलएन मिथिला विवि के एक शिक्षक अपने भुगतान में विसंगति को लेकर कोर्ट चले गए। इसी पर कोर्ट के आदेश पर सरकार ने ऐसे सभी शिक्षक, कर्मियों के प्रोन्नति, पेंशन एवं बकाए पर रोक लगा दी है। अभी कोर्ट के निर्देश पर जांच चल रही है।

1986 में अंगीभूत हुए थे बिहार के 39 कॉलेज
1986 में चतुर्थ चरण में बिहार के 39 कॉलेज को अंगीभूत किया गया था। इनमें 86 से पहले स्वीकृत एवं प्रस्तावित पदों पर नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मियों को अब्जार्व किया गया। बाद में सेवा सामंजन से वंचित कर्मियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दो बार कमीशन ने रिपोर्ट दी। इसमें अधिकतर का बेड़ा पार लग गया। नौकरी तो बच गई लेकिन, अब सेवा के दौरान ड्यूटी में अनियमितता को लेकर प्रोन्नति, बकाए का भुगतान एवं पेंशन को लेकर मामला फंस गया है।

इन विवि में लगी रोक

  • पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय
  • मगध विश्वविद्यालय
  • वीएन मंडल विश्वविद्यालय
  • पूर्णिया विश्वविद्यालय
  • तिलकामांझी विश्वविद्यालय
  • मुंगेर विश्वविद्यालय
  • बीआरए बिहार बिहार विवि
  • वीर कुंवर सिंह विवि
  • एलएन मिथिला विवि

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