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पटना15 मिनट पहले
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गिरफ्तार अपराधियों की फोटो।
दिन-प्रतिदिन शातिर अपराधियों के क्राइम करने का तरीका बदलता जा रहा है। रास्ते में चलते वक्त जब किसी से उसका मोबाइल अपराधी स्नेच कर फरार हो जाते थे तो उसके बाद उसे बेच दिया करते थे। मगर, अब ऐसा नहीं है। अब अपराधी सबसे पहले सॉफ्टवेयर के जरिए स्नेच किए गए मोबाइल का लॉक तोड़ते हैं। इसके बाद मोबाइल में लगे सीमकार्ड का नंबर पता करते है। फिर मोबाइल नंबर के जरिए इस बात का पता लगाते हैं कि उस लिंक किसी बैंक के अकाउंट से है या नहीं। जिसका लिंक नहीं मिला, उस मोबाइल को अपराधी पहले की तरह सस्ते दामों में बेच देते हैं। पर किसी मोबाइल नंबर का लिंक अगर किसी बैंक अकाउंट से मिल गया तो OTP मंगा, अपराधी उसका पासवर्ड बदल देता है। फिर उस अकाउंट में जितने भी रुपए होते हैं, उससे ऑनलाइन शॉपिंग कर लेता है। यह चौंकाने वाला खुलासा पटना पुलिस ने किया है।दरअसल, शातिराना तरीके से क्राइम करने वाले अपराधियों के एक गैंग को पटना के कोतवाली थाने की पुलिस ने पकड़ा। जो चोरी की बाइक से जीपीओ गोलंबर के पास घूम रहे थे। एक बाइक पर तीन अपराधी थे। ये राह चलते किसी कीमती मोबाइल की स्नेचिंग करने की फिराक में थे। मगर, पुलिस की टीम ने इन्हें दबोच लिया। थानेदार संजीत कुमार के अनुसार जिन अपराधियों को पकड़ा गया, उनमें रानी तालाब के कनपा कुमार अमन उर्फ अमन उर्फ शानू है। जो वर्तमान में गर्दनीबाग के रोड नंबर 1 में गुप्ता कॉम्प्लेक्स के पीछे रहता है। इसके दूसरे साथी का नाम राहुल कुमार है। जो गर्दनीबाग के ही रोड नंबर 1 का रहने वाला है। जबकि, तीसरे शातिर का नाम कुणाल कुमार उर्फ गोगा है। ये गर्दनीबाग में सरीस्ताबाद इन्द्रपुरी पथ इलाके का रहने वाला है। इन शातिरों के पास से स्नेच की हुई 3 मोबाइल, 15 पुड़िया ब्राउन शुगर और रविवार को पत्रकार नगर से चोरी की गई बाइक बरामद की गई है।गिरफ्तारी के बाद इन तीनों से पूछताछ की गई। तब इन शातिरों ने सारे राज उगले। इनके टारगेट पर ज्यादातर महिलाएं होती हैं। अकेले चलने वाली महिलाओं का ये पर्स या मोबाइल झपटते हैं। दो महीने पहले ही गांधी मैदान थाना इलाके में रिक्शा से जा रही एक महिला का इन अपराधियों न पर्स झपट लिया था। उसमें मोबाइल रखा था। बैंक अकाउंट से महिला का मोबाइल नंबर लिंक था। अकाउंट में जमा करीब डेढ़ लाख रुपए से इन अपराधियों ने ऑनलाइन शॉपिंग की थी।
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