Home Bihar सड़क पर दम तोड़ रहे बिहार के कमासुत पूत: गांव में नहीं मिला काम तो परदेश निकले थे कमाने, आगरा सड़क हादसे में बुझा घर का इकलौता चिराग

सड़क पर दम तोड़ रहे बिहार के कमासुत पूत: गांव में नहीं मिला काम तो परदेश निकले थे कमाने, आगरा सड़क हादसे में बुझा घर का इकलौता चिराग

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सड़क पर दम तोड़ रहे बिहार के कमासुत पूत: गांव में नहीं मिला काम तो परदेश निकले थे कमाने, आगरा सड़क हादसे में बुझा घर का इकलौता चिराग

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गया2 मिनट पहले

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आगरा सड़क हादसे में मौत के बाद रोते विकास के परिजन। - Dainik Bhaskar

आगरा सड़क हादसे में मौत के बाद रोते विकास के परिजन।

  • गया जिले के 7 युवकों की आगरा सड़क हादसे में हुई मौत
  • सबसे अधिक फुलवारिया गांव के 6 लोगों की हुई है मौत

लॉकडाउन के बाद बिहार में पलायन तेजी से बढ़ा है। रोजी-रोटी की तलाश में बिहार के कमासुत पूत परदेश जाने लगे हैं। इस दौरान सड़क हादसों में कई की जानें गई हैं। गुरुवार को आगरा सड़क हादसे में बिहार के 7 युवकों की मौत हो गई है। सभी गया जिले के रहने वाले थे। उम्र भी ज्यादा नहीं थी। सभी लड़के बुधवार को घर से निकले थे। सिरसा कमाने जा रहे थे। इसी में गया के देवरिया गांव का विकास भी था। उसकी मौत की सूचना के बाद गांव में कोहराम मच गया है। मां रह-रहकर बेहोश हो जा रही है। ‘रे हमर सोनमा…रे हमर सोनमा.’ कहकर कलेजा पीट रही है। फुलवरिया गांव में तो चीत्कार मची है। यहां के 6 युवकों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। पूरा गांव सदमे में है।

बहनों के हाथ पीले नहीं कर सका विकास
विकास मां-बाप का इकलौता बेटा था। 4 बहनों की शादी का जिम्मा उसके कंधे पर था। बड़ी उम्मीद से वह ठेकेदार के साथ कमाने निकला था, लेकिन आगरा के एत्माद्दौला इलाके में उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। सामने से आ रहे कंटेनर और स्कॉर्पियो की हुई टक्कर में विकास की मौके पर ही मौत हो गई। विकास का साथी सुजीत जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि छोटन कुमार ने बताया विकास पहली बार परदेश कमाने निकला था। उसके साथ जा रहा सुजीत भी कभी बाहर कमाने नहीं गया था। उन्होंने बताया कि गांव से दो आदमियों को आगरा रवाना किया गया है। विकास की डेड बॉडी लाने की प्रक्रिया की जा रही है। आगरा सड़क हादसे में गया जिले के गुड्डू कुमार, विकास कुमार, नागेंद्र, सुरेंद्र, राजेश, अमन और विपिन शामिल हैं।

शहर से गांव आने में भी गईं 16 जानें
देश में सड़क हादसों में कमी लाने पर काम कर रहे NGO सेव लाइफ फाउंडेशन के अनुसार 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से 18 मई सुबह 11 बजे तक लगभग 1,236 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 423 लोगों की मौत हुई और 833 लोग घायल हुए। घर लौटने के क्रम में बिहार के 16 प्रवासियों की मौत हो गई थी। वहीं 43 लोग घायल हो गए थे। अब काम की तलाश में दूसरे राज्य पलायन कर रहे लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत की खबरें आने लगी हैं।

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