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Adani Ports Share Price: अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) 2024 में बकाया 19.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाने की जानकारी दी है. गौतम अडानी द्वारा संचालित ग्रुप अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग उसको निशाना बनाए जाने के बाद निवेशकों का विश्वास बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. एपीएसईजेड (APSEZ) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि वह अपने नकदी भंडार का इस्तेमाल करके 2024 में देय 19.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड वापस खरीदेगी.
कंपनी के शेयरों में आई थी गिरावट
बयान के अनुसार, कंपनी के निदेशक मंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर बही-खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के रेट में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था. इसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई थी. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया था. इन आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था.
अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों से क्लीनचिट दी
इस कमेटी ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों से क्लीनचिट दे दी है. हालांकि बाद में एक याचिका के आधार पर इस समिति पर भी सवाल उठाए गए. साथ ही नयी समिति का गठन करने करने की गुजारिश की गई. सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ स्टॉक हेरफेर के आरोपों की जांच करने वाली अदालत की निगरानी वाली समिति में भी हितों का टकराव है.
यह है पूरा मामला
इस साल की शुरुआत में शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर नियामक विफलता और कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और अडानी को भारी नुकसान हुआ था. इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यीय पैनल का गठन किया था. इसमें रिटायर्ड जज एएम सप्रे की अगुवाई में जस्टिस जेपी देवधर, ओपी भट, एमवी कामथ, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल थे. समिति ने ढाई महीने की जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी है. अब याचिकाकर्ता ने नई समिति के गठन की गुजारिश की है. (भाषा)
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