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पटना25 मिनट पहलेलेखक: अभिनव कुमार
पटना में पुलिस ने आतंकियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा है। इसके लिए उन्होंने अपना ठिकाना पटना को बनाया। यहां 26 लोग आकर युवाओं को ट्रेनिंग देते थे। इनके निशाने पर PM नरेंद्र मोदी थे। पटना पुलिस ने संदिग्ध आतंकियों के पास से इंग्लिश में लिखे 7 पन्नों का दस्तावेज मिला है, जिसमें सिलसिलेवार तरीके से भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने साजिश की बात कही गई है। भास्कर में पढ़िए हर पन्ने की साजिश…
पहला पन्ना कवर इमेज की तरह है जिसका टाइटल India 2047 है। साथ ही इसे इंटरनल दस्तावेज बताते हुए लिखा है ‘भारत में इस्लामिक शासन की ओर।’
दूसरा पन्ना: मुस्लिमों की बदतर स्थिति का दिया हवाला
पुलिस को मिले डॉक्यूमेंट में पहले पन्ने में देश के मुस्लिमों गुमराह करने के लिए मुस्लिमों की स्थिति बदतर बताई गई है। मुस्लिम समुदाय की वर्तमान स्थिति बताते हुए डॉक्यूमेंट में PFI ने 9 जिलों में 75% मुस्लिम आबादी की बात कहा है। लिखा है, ‘देश में इन 9 जिलों को छोड़कर मुस्लिमों की स्थिति बदतर है।
जब हम कारण को देखेंगे तो हमें ब्रिटिश राज से शुरू करना होगा। शुरू से वे हिंदुओं से सहानुभूति रखते थे और मुस्लिमों को प्रताड़ित करते थे। भारत के मुस्लिम समुदाय को दुनिया में दूसरे सबसे बड़े होने के नाते, मुस्लिम विरोधी ताकतों के हमले के खिलाफ दुनिया को एक सफल अस्तित्व मॉडल प्रदान करने की भारी जिम्मेदारी है।’
डॉक्यूमेंट में आगे लिखा है, ‘हालांकि निचले स्तर पर कई स्व-घोषित नेता हैं, लेकिन समुदाय को मोहल्ला से ऊपर दिशा देने की किसी के पास दृष्टि नहीं है। दुनिया भारतीय मुसलमानों को एक मॉडल के रूप में देखती है। मुस्लिम समुदाय किसी चमत्कार के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। समुदाय को बचाने के लिए भीतर से नेतृत्व को उभरना होगा।’
तीसरा पन्ना: मिशन भारत 2047
इस पन्ने में भारत को 2047 तक मुस्लिम समुदाय की मदद से इस्लामिक सरकार बनाने के सपने को लिखा गया है। लिखा है, ‘हम 2047 का सपना देख रहे हैं जहां मुस्लिम समुदाय के पास राजनीतिक सत्ता होगी। इसके लिए पहला कदम मुस्लिम समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत करना होगा।
इसके लिए एक अलग से रोडमैप Empower India Foundation के तहत शुरू हो चुका है। इससे राजनीतिक ताकत बढ़ेगी और फिर मुस्लिम समुदाय के अन्य लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और फिर राजनीतिक ताकत अधिक मजबूत होगी। हम अपने आप को 2047 तक का समय देते हैं, जब इस देश में इस्लामिक सरकार बनेगी।’
आगे दस्तावेज में लिखा है, ‘मुस्लिम हमेशा से अल्पसंख्यक रहे हैं और जीत के लिए बहुसंख्यक होने की आवश्यकता नहीं है। PFI को उम्मीद है कि कम से कम 10% मुस्लिम भी उसके साथ आ जाए तो वह कायर बहुसंख्यक समुदाय को उनके घुटनों के बल ला देगा।’
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए PFI के हर लीडर के पास प्लान है और उसी के अनुसार कैडर को गाइड किया जाता है। मुस्लिम युवाओं को हमेशा यह बताया जाना चाहिए वे ‘दीन’ के लिए काम कर रहे हैं। किसी भी तरह इस्लामिक शासन इस्टेब्लिश करनी ही है।
मिशन 2047 का तीसरा पन्ना।
इसी पन्ने में इस्लामी शासन की ओर बढ़ने के चार चरण को बताया गया है। पहला PFI के झंडे के तले सभी को एक करने की बात कही गई है। पार्टी को बड़ा करने और नए मेंबर को अधिक से अधिक भर्ती करने का लक्ष्य भी लिखा है।
चौथा पन्ना: इस्लामिक राष्ट्र के सपने को पूरा करने के 4 स्टेज
- पहला चरण: मुसलमानों को एकजुट करें। तलवार, रॉड और कई तरह के हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दें।
- दूसरा चरण: अपने नैरेटिव को मजबूत करने के लिए PFI के नेतृत्व में मोबिलाइजेशन करना होगा। यही नहीं हिंसा का सिलेक्टिविली इस्तेमाल अपनी ताकत दिखाने और विपक्षी (बहुसंख्यक) को टेराराइज करने के लिए करना होगा। कैडर में जो अच्छा करेंगे उन्हें फायर आर्म्स और एक्सप्लोसिव की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।’ साथ ही इस्लामी शासन स्थापित करने के इरादे को छुपाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और आंबेडकर का इस्तेमाल करने की बात कही गई। यही नहीं एग्जीक्यूटिव और जुडीशियरी में भी इनफील्ट्रेट कर अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की बात लिखी है।
मिशन 2047 का चौथा पन्ना।
- तीसरा चरण: चुनाव जीतने के लिए SC/ST/OBC के साथ गठजोड़ करें। राजनीतिक जीत से अपने संगठन को मजबूत करें। साथ ही RSS और SC/ST/OBC के बीच दरार पैदा करें। उन्हें सिर्फ अपर कास्ट हिंदुओं के पक्षधर के रूप में दिखाएं। सेक्युलर पार्टियों को भी डिसक्रेडिट करना होगा और मुस्लिमों के साथ SC/ST/OBC का अपना पार्टी बनाना होगा।’ इसी स्टेज में हथियार और गोला बारूद के स्टॉक भी बढ़ाने की बात लिखी गई है।
- चौथा चरण: डॉक्यूमेंट लिखा है, ‘इस स्टेज में PFI अपने आप को मुस्लिमों का निर्विवाद रूप से एकमात्र संगठन के रूप में पेश करेगा। अन्य इस्लामिक संगठनों को साइड लाइन किया जाएगा। साथ ही 50 प्रतिशत SC/ST/OBC का भी विश्वास हासिल करेगा और उनका प्रतिनिधि बनेगा। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता हासिल करना आसान होगा। एक बार सत्ता में आ गए तो एग्जीक्यूटिव, जुडीशियरी, पुलिस और आर्मी में अपने वफादारों को बैठा दिया जाएगा।’
5वां पन्ना: युवाओं को भड़काना और मास मोबिलाइजेशन
इस पन्ने में लिखा है कि कैसे सभी 4 चरणों के पूरा होने के बाद, बाहरी ताकतों की मदद से इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित एक नया संविधान घोषित किया जाएगा। लिखा है, ‘जो भी खिलाफ होंगे उन्हें एलिमिनेट कर दिया जाएगा। मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ बढ़ाने के लिए बाबरी मस्जिद मुस्लिमों की लिंचिंग का इस्तेमाल करें। इसके लिए मास प्राथमिकता होनी चाहिए।
छठा पन्ना: हर घर में PFI सदस्यों की भर्ती की रणनीति
इस पन्ने में PFI ने हर घर अपनी पहुंच बढ़ाने की बात की है। लिखा है, ‘हर घर से एक व्यक्ति को संगठन में भर्ती किया जाएगा, नहीं कर पाए तो एक को पार्टी में शामिल करना या फिर उन्हें अपने मैगजीन या आर्टिकल का पाठक बनाना। अर्थात हर घर को किसी भी तरीके से अपने टच में रखना है और PFI के प्रोग्राम से उन्हें जोड़ना होगा।’
इसके साथ ही योग सत्र और स्वस्थ लोग स्वस्थ राष्ट्र अभियान की आड़ में PFI अपने काम करता रहेगा और जमीनी स्तर पर PE के क्लास का आयोजन जारी रहेगा। इसके लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में जमीनों का अधिग्रहण करना होगा।
मिशन 2047 का छठा पन्ना।
7वां पन्ना: हिन्दू लीडर्स की जानकारी और इस्लामिक देशों से मदद
इसमें हिंदू/संघ परिवार के नेताओं के खिलाफ सूचना का संग्रह के साथ बाहरी मदद की बात कही गई है। साथ ही ऑफिस का लोकेशन भी डेटाबेस में शामिल किया जाए ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके। डॉक्युमेंट में लिखा है, ‘स्टेट के साथ शोडाउन में कैडर के अलावा फ्रेंडली इस्लामिक देशों के मदद की आवश्यकता पड़ेगी। PFI ने तुर्की के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित किए हैं। कुछ अन्य इस्लामी देशों में विश्वसनीय मित्रता विकसित करने के प्रयास जारी है।
क्या है PFI?
बता दें कि वर्ष 2009 में स्थापित, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया यानी PFI का राजनीतिक संगठन है। 2006 के मुंबई और 2008 के अहमदाबाद विस्फोटों में PFI का नाम आया था। CAA के विरोध और हिजाब विवाद में PFI और इसकी छात्र शाखा CFI की सक्रिय भागीदारी देखी गई थी।
SDPI पूरे देश में विभिन्न नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोध प्रदर्शनों के आयोजन में बहुत सक्रिय भूमिका में था। PFI दिल्ली जैसे दंगों के लिए फंडिंग करने और दंगों की प्लानिंग के आरोप लगे। जब देश भर में CAA के खिलाफ दंगे हुए थे तो उसमें PFI का नाम सबसे ऊपर आया था। चाहे वो असम हो या उत्तर प्रदेश, इन राज्यों से PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थीं। शाहीन बाग में अराजकता फैलानी हो, या फिर पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़काने हो, PFI की भूमिका संदिग्ध रही।
PFI भी हिंसक और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। काबुल में स्थित गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकियों के बारे में सूचना देते हुए केरल पुलिस ने बताया था कि आत्मघाती हमला करने वालों में शामिल एक हमलावर न केवल केरल से संबंधित था, बल्कि PFI का हिस्सा भी था।
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