16 प्रभारियों से शोकॉज मांगा: पीएचसी प्रभारी रहते हैं पटना में; हाउस रेंट लेते प्रखंड मुख्यालय का, वेतन रोका

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मुजफ्फरपुर2 मिनट पहले

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  • प्रसव ठप हाेने की सूचना पर सीएस ने किया निरीक्षण ताे सामने आया फर्जीवाड़ा
  • बंदरा और गायघाट समेत कई पीएचसी में न डाॅक्टर मिले न ही कर्मी

जिले के 16 पीएचसी प्रभारियाें में एक भी प्रखंड मुख्यालय में नहीं रहते हैं। वे पटना अथवा मुजफ्फरपुर में रह कर फोन से अस्पताल का संचालन करते और अपने प्रखंड मुख्यालय का हाउस रेंट भी उठाते हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य केंद्राें में प्रसव ठप हाेने की शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने औचक निरीक्षण किया।

सीएस ने सभी पीएचसी प्रभारियों से शो कॉज मांगने के साथ-साथ मकान मालिक का रेंट एग्रीमेंट व मोबाइल नंबर समेत अन्य आवश्यक कागजात कार्यालय में जमा करने काे कहा है। उन्हाेंने अगले आदेश तक सभी पीएचसी प्रभारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। साथ ही मामले से राज्य मुख्यालय काे भी अवगत करा दिया है।

औचक निरीक्षण में बंदरा व गायघाट पीएचसी में स्वास्थ्य प्रबंधक को छोड़ कर न चिकित्सक और न ही काेई स्टाफ उपस्थित मिला। अस्पताल में उपस्थिति रजिस्टर भी नहीं था। पता चला कि प्रभारी कभी-कभी ही वहां आते हैं और पटना से ही फोन पर पीएचसी चलाते हैं। सीएस ने बताया कि बंदरा व गायघाट समेत कई पीएचसी के औचक निरीक्षण के दौरान प्रभारी, चिकित्सक व कर्मी नहीं मिले। सभी लोग खासकर चिकित्सक पटना अथवा मुजफ्फरपुर से आते-जाते हैं। ऐसे में एक ताे इनका समय आने-जाने में ही बीत जाता है, दूसरा यह कि इमरजेंसी में डाॅक्टर उपलब्ध नहीं हाे पाते। ऐसे में लाेगाें को उचित इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती है। इसे लेकर स्वास्थ्य केंद्राें में बवाल भी होता रहता है।

बाेले सीएस- पटना में रह कर हाउस रेंट उठाना गंभीर मामला, कराएंगे जांच

सिविल सर्जन ने कहा कि पटना में रह कर सरकार से हाउस रेंट लेना काफी गंभीर मामला है। इसकी जांच के लिए टीम गठित करेंगे। सभी प्रभारियाें से रेंट डीड समेत अन्य कागजात मांगे गए हैं। इसके साथ ही किसी भी पीएचसी में प्रसव नहीं कराना भी बड़ी लापरवाही है। एक भी प्रसव पीएचसी में नहीं हो रहा। इससे जिले की काफी बदनामी हो रही है। इसे लेकर अगले आदेश तक सभी प्रभारियों के वेतन पर रोक लगा दी गई है और शाे काॅज मांगा गया है।

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