16 सौ में दम नहीं 21 हजार से कम नहीं: कटिहार में 14 सूत्री मांगों को लेकर रसोईया संघ का हड़ताल प्रदर्शन, समाहरणालय में प्रवेश को लेकर पुलिस वालों से हुई नोकझोंक

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16 सौ में दम नहीं 21 हजार से कम नहीं: कटिहार में 14 सूत्री मांगों को लेकर रसोईया संघ का हड़ताल प्रदर्शन, समाहरणालय में प्रवेश को लेकर पुलिस वालों से हुई नोकझोंक


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  • In Katihar, There Was A Strike By The Cook Union Regarding The 14 point Demands, There Was A Dispute With The Policemen Regarding The Entry Of The Collectorate.

कटिहार8 घंटे पहले

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कटिहार में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ जिला इकाई के 7000 महिला पुरुष अपनी 14 सूत्री मांगों के समर्थन में आज से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। जिले के सभी प्रखंडों से रसोईया संघ ने बड़ी संख्या में अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए शहर के राजेंद्र स्टेडियम से चिलचिलाती धूप में संघ का बैनर लिए हुए पैदल जुलूस निकाला। इसी दौरान समाहरणालय का घेराव कर प्रदर्शन भी किया।

समाहरणालय के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन करने के दौरान सुरक्षा में तैनात बलों से उन्हें धक्का-मुक्की का भी सामना करना पड़ा। प्रदर्शन में शामिल हजारों की संख्या में महिला रसोईया समाहरणालय के भीतर प्रवेश कर जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन मुख्य द्वार पर तैनात महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया। मना करने पर रसोईया संघ ने मुख्य द्वार पर ही अपना प्रदर्शन आरंभ कर दिया ।

संगठन का नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष मोहम्मद मूसा ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे यह महिलाएं गरीब तबके से आती हैं जो प्रतिदिन विद्यालयों में 8 घंटा कठोर परिश्रम कर स्कूली बच्चों के पोषण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इस परिश्रम के बदले राज्य सरकार कि ओर से इन्हें मात्र 1650 की न्यूनतम मजदूरी दी जाती है। इस महंगाई के दौर में इनका गुजारा काफी मुश्किल है।

यह है इनकी मुख्य मांगे…

  • मध्याह्न भोजन कर्मियों को मिले स्कूल की चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा।
  • न्यूनतम वेतन ₹21000 प्रति माह।
  • साल में 10 के बजाय 12 महीनों का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाए ।
  • मासिक पेंशन न्यूनतम ₹10 हजार प्रतिमाह मिले।
  • 180 दिन के वेतन के साथ मातृत्व अवकाश सुनिश्चित की जाए।
  • सामाजिक सुरक्षा योजना कानून के तहत चिकित्सा सुविधा, दुर्घटना, मुआवजा आदि प्रावधानों को लागू की जाए ।
  • कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा निगम कानून का लाभ मिले।
  • चिकित्सा बीमा के अंतर्गत मृत्यु होने पर ₹5 लाख की क्षतिपूर्ति दी जाए।
  • मध्याह्न भोजन स्कीम का निजीकरण करने और एनजीओ को देना बंद करें सहित अन्य मांगे निहित हैं।

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