चारमीनार के पास भीषण अग्निकांड: बच्चों सहित 17 की मौत, शॉर्ट सर्किट से फैली आग
हैदराबाद (तेलंगाना), 18 मई: हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित गुलजार हौज़ इलाके में शनिवार तड़के एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने 17 लोगों की जान ले ली, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, जो इमारत की भूतल पर स्थित एक मोती की दुकान में हुआ।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक हादसा सुबह लगभग 6:30 बजे हुआ। आग सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर स्थित “मणि मोती ज्वेलरी” नामक दुकान में लगी और धीरे-धीरे ऊपर की मंजिलों तक फैल गई। चश्मदीदों के अनुसार, अधिकतर लोग ऊपरी मंजिलों पर सो रहे थे और आग लगने का अहसास तब हुआ जब इमारत पहले ही धुएं से भर चुकी थी।
दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई, जिसके बाद 11 फायर टेंडरों को मौके पर भेजा गया। हालांकि, जब तक राहत कार्य शुरू हुआ, तब तक आग ने घातक रूप ले लिया था। कई लोगों की मौत दम घुटने और झुलसने से हुई।
मृतकों में मासूम भी शामिल
मृतकों की पहचान में कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं:
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2 वर्षीय इराज
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6 वर्षीय प्रियांशी
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7 वर्षीय हर्षाली गुप्ता
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13 वर्षीय प्रथम
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17 वर्षीय आरुषि जैन
इसके अलावा, वयस्कों में:
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राजेंद्र कुमार (67)
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मुनिबाई (72)
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सुमित्रा (65)
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शीतल जैन (37)
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अभिषेक मोदी (30) सहित अन्य की मौत हुई है।
घायलों को उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल, यशोदा मलाकपेट, अपोलो डीआरडीओ और अपोलो जुबली हिल्स में भर्ती कराया गया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवज़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
जांच और लापरवाही के संकेत
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि पीड़ित परिवार दुकान के ऊपर ही निवास कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि दमकल विभाग के पास शुरुआती समय में जरूरी उपकरणों की कमी थी, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई।
फिलहाल, पुलिस और दमकल विभाग ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है ताकि आग के सही कारण और किसी प्रकार की लापरवाही की पुष्टि की जा सके। साथ ही, यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या इमारत में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा इंतज़ाम मौजूद थे।