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मुंगेर5 घंटे पहले
मुंगेर जिले में आज बुधवार को हर्षोल्लास के साथ गनेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर कई संस्थानाें के द्वारा गनेश की प्रतिमा स्थापीत की गई है। इस अवसर पर शहर के मंगलबाजार में 25 फीट की आदमकद गणपति की प्रतिमा बेहद आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इनके दर्शन को दूर-दराज से श्रद्धालूओं का अाना जारी है।
वहीं माधोपुर स्थित रायसर में भी भगवान गणेश की करीब 12 फीट उंची प्रतिमा लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। जबकि बड़ी बाजार, शादीपुर, लालदरवाजा, पुरबसराय, बेलन बाजार सहित जिले के अन्य प्रखंडों मंे भी गणपति की बेहद खुबसूरत और मोहक छवि की उंची-उंची प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। वहीं पंडालों की शोभा-सज्जा लोगों के आकर्षण का केन्द्र है।
गणेशोत्सव पर मंदिर, पंडाल एवं घरों में भी विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। पर्व को लेकर सुबह से ही लोगों में व्यस्तता देखी जा रही थी। वहीं श्रद्धालूओं में भी पर्व को लेकर गंगा स्नान कर पूरी निष्ठा के साथ गणपति की प्रतिमाओं की पूरी विधि-विधान के साथ स्थापना की गई। वहीं फल, धूप, अगरबत्ती, मधु, हुमाद, मिठाई आदि से गणपति की पूजा अर्चना के साथ ही जम कर गणपति बप्पा मोरया का जयघोष किया।
300 वर्षों बाद बन रहा बेहद शुभ संयोग
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बुधवार से गणेशोत्सव का पर्व शुरू हुआ। इस बार बुधवार को वो सारे योग-संयोग बन रहे हैं, जो गणेशजी के जन्म के अवसर पर बने थे। दिन बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्या काल यानी दोपहर का समय। ये ही वो संयोग था जब पार्वती जी ने मिट्टी के गणेश बनाए थे और शिवजी ने उसमें प्राण प्रतिष्ठित किए थे। इसके अलावा भी कुछ दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं जो 31 अगस्त से नौ सितंबर तक रहेंगे।
इस बार गुरु ग्रह से देह स्थूल योग बन रहा है। इसे आसान भाषा में लंबोदर योग भी कहते हैं। जो कि गणेश का ही एक नाम है। साथ ही गणपति के जन्म काल के वक्त वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला नाम के योग भी बनेंगे। इन पांच राजयोगों के बनने से इस बार गणेश स्थापना बेहद शुभ रहेगी। गणेशोत्सव के दौरान लोग घरों में सजने वाली झांकी का विसर्जन पांच दिन, सात दिन व दस दिन में करते हैं।
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