30% लोगों को हीमोग्लोबिन कम: ​​​​​​रक्तदान के लिए आए 235 लोगों में 163 निकले फिट, 489 लोगों की जान बचाने का हो गया इंतजाम

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पटना19 मिनट पहले

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सांकेतिक तस्वीर।

  • 163 यूनिट प्लेटलेट्स, 163 यूनिट प्लाज्मा और 163 यूनिट RBC से होगी राहत

कोरोना काल में आपका भी हीमोग्लनोबिन कम हो सकता है। जांच में तेजी से ऐसे मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। विश्व रक्तदाता दिवस पर भी ऐसा देखने को मिला है, जहां 30% लोगों को हीमोग्लोबिन कम पाया गया है। संतुलित आहार और फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने के कारण इस तरह की समस्या सामने आई है। रक्तदान के लिए कुल 235 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया गया था जिसमें 163 लोग की रक्तदान के लिए फिट पाए गए। 72 लोग ऐसे मिले जिनमें हीमोग्लोबिन कम था।

थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए लगाया गया कैंप

विश्व रक्तदाता दिवस पर सोमवार को मां वैष्णो देवी सेवा समित द्वारा PMCH में स्थित थैलेसीमिया डे केयर सेंटर के लिए रक्तदान का आयोजन किया गया था। इस दौरान IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन और IAS वाइव्स एसोसिएशन और IFS एसोसिएशन का पूरा सहयोग था। IAS भवन में आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में कुल 235 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यहां से 163 यूनिट डोनेशन किया गया है। 163 यूनिट ब्लड में 489 लोगों की जान बचाने का इंतजाम होगा। इस ब्लड को PMCH को दिया गया है जहां से 163 यूनिट प्लेटलेट्स, 163 यूनिट प्लाज्मा और 163 यूनिट RBC से तैयार किया जाएगा। इसमें थैलेसीमिया के मरीजों के साथ अन्य जरुरतमंदों के लिए भी खून की व्यवस्था हो जाएगी। इससे 489 लोगों की खून की जरुरत को पूरा किया जा सकेगा।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों ने कोरोना में झेली दोहरी मार

कोरोना काल में सबसे बड़ी समस्या थैलेसीमिया पीड़ित मासूमों को हुई। ब्लड डोनेशन बंद होने के कारण खून की काफी समस्या हुई। ब्लड बैंक में गार्जिंस को दौड़ाया जाता रहा। समय पर खून नहीं मिल पाने के कारण परिजनों को काफी परेशानी हुई। ब्लड डोनेशन कैंप नहीं होने के कारण PMCH के साथ अन्य ब्लड बैंक में भी खून की कमी रही। सोमवार को मां वैष्णो देवी सेवा संस्थान की पहल पर सोमवार को थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए कराए गए रक्त्दान से बड़ी राहत मिल गई है।

डाइट में आयरन और प्रोटीन को करें शामिल

डॉक्टरों का कहना है कि लॉकडाउन में लोगों ने खानपान में लापरवाही की है। इस दौरान तेल मसाला वाली चीजों के खाने से सेहत पर प्रभाव पड़ा है। ऐसे लोगों को जिनका हीमोग्लोबिन कम है उन्हें डाइट में संतुलित आहार लेना चाहिए साथ ही प्रोटीन और आयरन को भी आहार में शामिल करना चाहिए। अगर इसके बाद भी समस्या हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

यादगार हो गया रक्तदान

पटना में IAS भवन में सोमवार को रक्तदान का आयोजित मेगा कैंप में वन विभाग, की तरफ से एक पौधा और एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। PMCH की तरफ से एक डोनर कार्ड और एक सर्टिफिकेट भी दिया गया। BSACS और SHS की तरफ से पहले 100 डोनर को एक मास्क, एक सेनेटाइजर , प्रतीक चिन्ह , फ़ोटो फ्रेम दिया गया। बादशाह अगरबत्ती की तरफ से भी एक प्रतीक चिन्ह भी दिया गया।

इसलिए जरुरी है रक्तदान

35 से 42 दिन में अपने आप शरीर में एक यूनिट RBC टूट जाता है। ऐसे में यह ब्जड खराब हो जाता है। इस कारण से रक्तदान कर किसी कि जिंदगी इससे बचाई जा सकती है। इस कारण ही अधिक से अधिक रक्तदान करने की सलाह दी जाती है। रक्तदान से बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। इंडियन रेडक्रास सोसाइटी बिहार के चेयरमैन डॉ विनय बहादुर सिन्हा का कहना है कि 35 से 42 दिन के अंदर आपके शरीर के अंदर एक यूनिट RBC टूट जाता है मतलब करीब एक यूनिट ब्लड अपने आप डेड हो जाता है। इस डेड होते ब्लड के जरिए आप किसी की जिंदगी बचाने का माध्यम बन सकते है। सोमवार को विश्व रक्तदाता दिवस पर कैंप में कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन कराने को लेकर ड्यूटी लगाई गई थी।

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