80 वर्षीय बुजुर्ग करते हैं औषधि वनस्पतियों की खेती: नर्सरी में 100 अगल-अगल किस्म के औषधीय पौधे, 5 दशकों से कर रहे हैं बीमारों की मदद

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80 वर्षीय बुजुर्ग करते हैं औषधि वनस्पतियों की खेती: नर्सरी में 100 अगल-अगल किस्म के औषधीय पौधे, 5 दशकों से कर रहे हैं बीमारों की मदद


जमुई42 मिनट पहले

जमुई जिले के लक्ष्मीपुर इलाके के चिन्वेरिया गांव के किसान अर्जुन मंडल (80 वर्ष) 5 दशकों से औषधीय वनस्पति की खेती के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य संजीवनी दे रहे हैं। लगभग 100 अलग-अलग किस्म के औषधीय पौधे उनके नर्सरी में उपलब्ध हैं। उन्होंने 1969 ई. में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज भागलपुर से डिप्लोमा करने के बाद औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रशिक्षण लिया। उन्होंने साल 1970 से औषधि नर्सरी लगाने की शुरुआत की।

अर्जुन मंडल खेत के बीच पौधों को दिखाते हुए।

2013 में गुजरात के तत्कालीन CM ने किया था सम्मानित

53 सालों से औषधि पौधे के द्वारा विभिन्न प्रकार के बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उन्हें औषधि पौधों की खेती करने के लिए साल 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रेष्ठ किसान का पुरस्कार सहित ₹51000 की राशि प्रदान किया गया था। साल 2007 में इन्हें जिला स्तरीय कई पुरस्कार बिहार सरकार के द्वारा दिया गया। पांच दशकों से बीमार लोगों की मदद कर रहे हैं।

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मिला सम्मान।

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मिला सम्मान।

रासायनिक दवाओं का शरीर पर पड़ता है कुप्रभाव

अर्जुन मंडल बताते हैं कि हमारे शरीर पर रासायनिक दवा के इस्तेमाल से बहुत बड़ा कुप्रभाव पड़ता है, लेकिन औषधीय पौधों से तैयार की गई दवाई से हमारे शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। 100 प्रकार की औषधीय पौधे हमारे नर्सरी में उपलब्ध हैं। नर्सरी में स्टीविया, लेमनग्रास, लहसुनिया, हड़जोड़, ईश्वरमूल, ब्रजदंती, घृतकुमारी, अश्वगंधा, सर्पगंधा, हरसिंगार,लाजवंती के अलावे अनेकों प्रकार के औषधीय पौधे उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जोड़ों का दर्द, गठिया, खांसी, बुखार, डायबिटीज, तनाव, ब्लडप्रेशर,शुगर के अलावा कई प्रकार की बीमारियों को इन्होंने औषधि दवाइयों से दूर किया है।

पौधों से दवा तैयार करते किसान अर्जुन मंडल।

पौधों से दवा तैयार करते किसान अर्जुन मंडल।

15,000 से अधिक लोगों के बीच बांट चुके हैं पौधे

अर्जुन मंडल अब तक 15,000 हजार से अधिक लोगों के बीच औषधीय पौधे का वितरण कर चुके हैं। औषधीय पौधे का वितरण गांव-गांव जाकर कर रहे हैं। इससे लोगों के बीच औषधि खेती करने की जागरूकता आ सके और वह किसी भी बीमारी का इलाज इन पौधों के फल, फूल बीज आदि फलों के द्वारा कर सकें। उन्होंने वर्तमान समय की किसानों को जानकारी देने की एक व्यापक मुहिम छेड़ रखी है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इससे लाभान्वित हो सके।

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