Home Bihar 9 माह की प्रेग्नेंट…फिर भी सीखा रही तीरंदाजी: बिहार के लिए पहला मेडल लेकर आई थीं आरा की पूजा, प्रेग्नेंसी में जा चुकीं गुजरात

9 माह की प्रेग्नेंट…फिर भी सीखा रही तीरंदाजी: बिहार के लिए पहला मेडल लेकर आई थीं आरा की पूजा, प्रेग्नेंसी में जा चुकीं गुजरात

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9 माह की प्रेग्नेंट…फिर भी सीखा रही तीरंदाजी: बिहार के लिए पहला मेडल लेकर आई थीं आरा की पूजा, प्रेग्नेंसी में जा चुकीं गुजरात

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आरा (भोजपुर)30 मिनट पहले

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नए लोगों को तीरंदाजी सिखाती पूजा सिंह।

आरा की पूजा साहस की मिसाल पेश कर रही है। नौ माह की प्रेग्नेंसी के बावजूद वो प्रतिदिन अपने स्टूडेंट्स को तीरंदाजी के गुर सिखा रही है। पूजा के पति नीरज सिंह भी पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। वह अपने प्रेग्नेंसी के चौथे और आठवें महीने में मैच खेलने के लिए गुजरात गई थीं।

बिहार खेल रत्न से सम्मानित पूजा के हसबैंड नीरज ने बताया कि लोग कहते हैं, प्रेग्नेंसी के शुरू के चार महीने और अंतिम के दो महीने बाहर नहीं जाना चाहिए। घर वाले, डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं। लेकिन उस स्थिति में भी बिहार से बाहर गुजरात जाकर पूजा ने तीरंदाजी की है।

पूजा ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई मैडल जीते हैं।

पूजा ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई मैडल जीते हैं।

पूजा ने बताया कि नीरज सिंह से उनकी शादी 20 जून 2021 को हुई थी। शादी से पहले नीरज ही पूजा के कोच भी थे। पूजा अभी दस हजार रुपए के तीर से निशाना साधती हैं। हालांकि, तीरंदाजी प्रतियोगिता के रिकर्व राउंड में निशाना साधने के लिए ढाई-तीन लाख रुपए के तीर की जरूरत होती है। लेकिन पूजा की आर्थिक स्थिति के अनुसार यह उनके वश से बाहर है।

नेशनल गेम्स में मिला था पहला स्थान, अब नए लोगों को सिखा रही हैं

पूजा कुमारी ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई मैडल जीते हैं। साल 2018 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने बिहार का गौरव बढ़ाया था। यह बिहार के लिए पहला मेडल था, जो झारखंड के अलग होने के बाद बिहार की किसी महिला खिलाड़ी ने जीता था। साथ ही वो 2019 में बिहार खेल रत्न से भी सम्मानित हो चुकी हैं। 36वें नेशनल गेम्स में उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया था।

वह अब तक दस से ज्यादा नेशनल गेम्स खेल चुकी हैं। फिलहाल, वह भोजपुर तीरंदाजी अकादमी की वरिष्ठ खिलाड़ी और कोच की भूमिका में नवोदित खिलाड़ियों को तीरंदाजी का गुर सिखा रही हैं।

आरा में खुलनेवाले एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र के कोच के लिए पूजा का चयन हुआ है।

आरा में खुलनेवाले एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र के कोच के लिए पूजा का चयन हुआ है।

पूजा अभी आरा शहर के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में बच्चों को कोचिंग दे रही हैं। उनके देखरेख में जिले के कई खिलाड़ी राज्यस्तरीय ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में जिला और बिहार प्रदेश का नाम अपनी प्रतिभा की बदौलत रौशन किया है। शिव सागर गुलाम उच्च विद्यालय, हरिगांव में खुलने वाले राज्य आवासीय एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र के लिए कोच के रूप में पूजा का चयन हुआ है। यहां ये नवोदित तीरंदाजों को प्रशिक्षण देंगी।

पूजा का अगला टारगेट गोल्ड मेडल पर है।

पूजा का अगला टारगेट गोल्ड मेडल पर है।

मैडम ने कहा था तीरंदाजी सीखने के लिए, अब लाना चाहती हैं गोल्ड मेडल

बड़हरा प्रखंड के बबुरा निवासी स्व देवेंद्र सिंह और मीनू सिंह की पुत्री पूजा कुमारी ने इतिहास से एमए और बीपीएड की डिग्री ली है। बताया कि मुझे मेरी मैडम अर्चना जी ने तीरंदाजी सीखने के लिए कहा था। उनकी सलाह मानकर और माता-पिता की सहमति पर पूजा ने वरिष्ठ तीरंदाज और कोच नीरज कुमार सिंह से संपर्क किया।

नीरज सिंह की देखरेख में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में शामिल होकर प्रदेश का मान बढ़ाया। बाद में उन्होंने नीरज सिंह से ही शादी कर ली। अब पूजा अपने देश और अपने बिहार का नाम और भी रौशन करना चाहती हैं। पूजा का अगला टारगेट गोल्ड मेडल पर है।

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