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औरंगाबाद42 मिनट पहले
किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने महिला थाना कांड संख्या 24/21 में सुनवाई करते हुए फेसर थानाध्यक्ष एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को आदेश दिया है कि दो दिन के भीतर इस मामले में नामजद किशोर एवं उसके पिता को किशोर न्याय परिषद में प्रस्तुत करें।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस वाद में 12 अगस्त 2022 को थानाध्यक्ष को नोटिस भेजकर किशोर को प्रस्तुत करने को कहा गया था लेकिन आज तक प्रस्तुत नहीं किया गया। यह न्यायालय के आदेश की अवमानना है जिसमें थानाध्यक्ष एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को दिनांक 18 नबम्बर 2022 को संदेह उपस्थित होकर स्पष्टीकरण परिषद में समर्पित करने का आदेश दिया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला जघंन्य हैं जो पोक्सो एवं भादंसं धारा 376 से संबंधित है जिसमें किशोर के अनुपस्थिति से वाद लंबित चला आ रहा है।
किशोर आचरण रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों: परिषद
औरंगाबाद: किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने खुदवा थाना कांड संख्या 24/15 में सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष खुदवा एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को शॉ-कोज किया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि किशोर न्याय एक्ट धारा 74 में विधि विवादित किशोर का आचरण रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करना है। जबकि इस वाद के संबधित धारा का उल्लेख करते हुए आचारण प्रमाण पत्र थाना द्वारा निर्गत किया गया है, जो कि किशोर न्याय अधिनियम का उलंघन है। आपकी इस लापरवाही एवं कर्त्तव्यहिनता पर किशोर न्याय परिषद ने संबंधित अधिनियम के धारा 93 के अंतर्गत राज्य सरकार को उचित कार्रवाई के लिए मामला अग्रसरित किया जा सकता है। अतः पूर्व खुदवा थानाध्यक्ष संतोष कुमार ठाकुर एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी नयन लाल प्रसाद को दिनांक 19 नबम्बर 2022 को संदेह उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
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