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- Roshan, The Accountant Of The BJP District President’s School, Was Arrested, The Photo Of The Question Paper Was Taken From His Mobile
पटना30 मिनट पहले
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बेगूसराय के इसी स्कूल में अकाउंटेंट था रौशन।
बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (BSSC) के पेपर लीक मामले में कुछ दिनों के अंतराल के बाद फिर से आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई की है। EOU की SIT ने बेगूसराय के भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह के विकास विद्यालय में छापेमारी की। वहां के अकाउंटेंट रौशन को पकड़ा। उसे गिरफ्तार का पटना लाया गया। इसके बाद उसे लंबी पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। EOU के इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया हैं। दरअसल, अकाउंटेंट ने BSSC के एग्जाम के पहले क्वेश्चन पेपर का अपने ही मोबाइल से फोटो खींचा था। यह बात जांच एजेंसी की पड़ताल में सामने आ चुकी है।
2 ईमेल में मिले एक ही पेपरपिछले महीने 23 दिसंबर को BSSC एग्जाम के पहली पाली का पेपर मोतिहारी से लीक हुआ था। जिसे BSSC ने कैंसिल कर दिया था। इसी मामले में 28 दिसंबर को BSSC की तरफ से पेपर लीक से जुड़े सबूत तीन दिनों के अंदर कैंडिडेट्स से मांगे गए थे। इसी के बाद BSSC और EOU को कई ईमेल आए। उनमें 2 ईमेल ऐसे थे जिसमें पहली पाली का क्वेश्चन पेपर था। जिसे देख जांच एजेंसी की टीम का दिमाग ठनका। उसके बाद जांच आगे बढ़ी।
जिसने एग्जाम दिया ही नहीं उसका पेपर वायरलईमेल पर भेजे गए क्वेश्चन पेपर के बारकोड के आधार पर जांच हुई तो बेगूसराय में भाजपा जिलाध्यक्ष के विकास विद्यालय के सेंटर का पता चला। इसके बाद टीम वहां गई। पड़ताल में चौंकाने वाली बात का पता चला। वो क्वेश्चन पेपर जिस कैंडिडेट को एग्जाम के दौरान मिलना चाहिए था, असल में उस दिन वो कैंडिडेट एग्जाम देने आया ही नहीं था। अब सवाल था कि जब कैंडिडेट ने एग्जाम नहीं दिया तो क्वेश्चन पेपर दूसरे लोगों के पास पहुंचा कैसे? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए EOU की तेजी से आगे बढ़ी।
CCTV ने रौशन की खोल दी पोलविकास विद्यालय के जिस कमरे का क्वेश्चन पेपर वायरल हुआ था, एग्जाम के दरम्यान वहां 2 इन्विजिलेटर थे। जिसमें एक महिला तो दूसरा पुरूष। EOU के मुताबिक नियम है कि एग्जाम के दरम्यान अगर कोई कैंडिडेट नहीं आया तो उसे मिलने वाले क्वेश्चन पेपर, जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। उसे सील पैक करके इन्विजिलेटर ही वापस प्रिंसिपल को देंगे। लेकिन, विकास विद्यालय में ऐसा हुआ नहीं। अकाउंटेंट रौशन एग्जामिनेशन हॉल में गया। वहां पहुंचते ही प्रिंसिपल का नाम लेकर इन्विजिलेटर से बचा हुआ क्वेश्चन पेपर लिया और फिर ऊपर के फ्लोर पर चला गया। वहीं, हॉल में उसने अपने मोबाइल से क्वेश्चन पेपर का फोटो खींचा था। उसकी ये सारी हरकतें विकास विद्यालय के CCTV में कैद हो गई थी। जब टीम ने खंगाला तो पूरा फुटेज मिला गया। जांच एजेंसी को इस बात का पता चला है कि रौशन ने एक दिन बाद ही अपना मोबाइल भी बदल दिया था। अब EOU यह पता लगाने में जुटी है कि रौशन ने किस-किसको क्वेश्चन पेपर भेजा था?
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