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वी. सेंथिलबालाजी. फ़ाइल। | फोटो साभार: शिव सरवनन एस.
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को तमिलनाडु के मंत्री की याचिका पर नोटिस जारी किया वी. सेंथिलबालाजी उन्होंने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लेने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्ति को चुनौती दी।
जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ मामले को 26 जुलाई को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई।
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हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय के एक तीसरे न्यायाधीश ने पुष्टि की थी कि श्री सेंथिलबालाजी द्वारा निजी चिकित्सा देखभाल में बिताया गया समय ईडी को दी गई 15 दिन की पुलिस रिमांड से बाहर रखा जाएगा।
आदेश ने श्री सेंथिलबालाजी को अस्पताल से बाहर आते ही पूछताछ करने की केंद्रीय जांच एजेंसी की शक्ति को पुनर्जीवित कर दिया है।
इसके बाद तीसरे न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन ने फैसला सुनाया एक खंडित फैसला उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जून को… यह फैसला पूरी तरह से मद्रास उच्च न्यायालय पर छोड़ दिया गया कि क्या तमिलनाडु के मंत्री के निजी अस्पताल में जाने से केंद्रीय एजेंसी के “रिमांड के अधिकार” और मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर उनसे पूछताछ करने में बाधा उत्पन्न हुई है।
ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने पीएमएलए के तहत मामले की जांच करने के एजेंसी के अधिकार को बरकरार रखा है।
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