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पटनाएक घंटा पहलेलेखक: बृजम पांडेय
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भाजपा के बुद्धिजीवी समागम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
- पटना में आयोजित था भाजपा का बुद्धिजीवी समागम
- कांग्रेस, कश्मीर और सरदार पटेल पर भी बोले
कार्यक्रम तो था भाजपा के बुद्धिजीवी समागम का, लेकिन निशाने पर विपक्ष ही रहा। शनिवार शाम भाजपा ने बुद्धिजीवी समागम का आयोजन किया, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना के बुद्धिजीवियों के सामने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। कहा – बिहार लालटेन युग में चला गया। लालू के बेटे दस लाख लोगों को नौकरी देने की बात कह रहे हैं। पहले बीस लाख लोगों के पलायन का हिसाब दें। लालू यादव के बड़े पुत्र पर हमला करते हुए कहा कि तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री थे, बिहार में डेंगू फैला था, मैने फोन किया लेकिन तेज प्रताप घोड़े से नहीं उतरे।
विपक्ष पर हमला करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि राजद के राज में बिहार पिछड़ गया लेकिन पिछले 15 सालों में तस्वीर बदल गई है। तेजी से विकास हो रहा है। अब बिहार में 11 नए मेडिकल कॉलेज बन गए हैं। गंगा, सोन नदियों पर पुल बनाए गए हैं। सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। राजद-कांग्रेस-माले का गठबंधन बिहार को पीछे ले जाने वाला है जबकि भाजपा, जदयू, वीआईपी और हम का गठबंधन बिहार को आगे ले जाने वाला है।
सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लौह पुरुष आधुनिक भारत के निर्माता थे। सरदार पटेल मधुरभाषी थे और सख्त भी थे। वो समझाना भी जानते थे और नहीं समझने वालों को भी समझाना जानते थे। ये उनकी खूबी थी। भारत के राष्ट्रवाद में कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक रखने की ज़िम्मेदारी उन्हें मिली थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 560 रियासतों को एकीकृत कर अखंड भारत का निर्माण किया। भक्ति और शक्ति दोनों के साथ उन्होंने सभी रियासतों को भारत के नक्शे में शामिल किया। जम्मू-कश्मीर में धारा-370 और 35ए लागू करना एक राजनीतिक साजिश थी। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति ने धराशायी कर दिया। जो एक समस्या रह गई थी उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खत्म करते हुए कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एकीकृत कर दिया। अब हम गौरव के साथ कह सकते हैं कि हमारे देश में एक निशान, एक विधान, एक संविधान और एक प्रधान है। सरदार पटेल कांग्रेस के नेता थे लेकिन कांग्रेस ने उनको वो सम्मान नहीं दिया जिसके वे हक़दार थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में उनकी मूर्ति लगाकर लौहपुरुष को सम्मान दिया।
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