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भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार नीति मंच (TPF) की बैठक में समय पर वीजा मिलने में आ रही दिक्कत के बारे में बताया. उन्होंने अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया गया है. एक आधिकारिक बयान में इस बारे में जानकारी दी गई. भारतीय कारोबारों को वीजा का मुद्दा यहां आयोजित 14वीं टीपीएफ बैठक के दौरान प्रमुखता से उठाया गया. इसकी सह-अध्यक्षता अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की.
वीजा प्रोसेस में तेजी लाने का अनुरोध
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने यह माना कि भारत-अमेरिका के बीच पेशेवर और कुशल श्रमिकों, छात्रों, निवेशकों की आवाजाही द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने में योगदान देती है. बयान के अनुसार, ‘गोयल ने वीजा प्रोसेस में लगने वाले समय की वजह से भारत से व्यापार आगंतुकों को पेश आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला और अमेरिका से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया.’
दोनों पक्षकारों ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने में पेशेवर सेवाओं की भूमिका को भी स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि पेशेवर योग्यता और अनुभव की मान्यता से संबंधित मुद्दे सेवा व्यापार को सुविधाजनक बना सकते हैं. बयान के मुताबिक, दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं.
बैठक में भारतीय पक्ष ने झींगे की एक किस्म श्रिम्प के निर्यात पर अमेरिका में लगा प्रतिबंध हटाने की भी मांग की क्योंकि इससे भारतीय मछुआरों और निर्यात पर असर पड़ रहा है.
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