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Share Market News in Hindi: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में बिकवाली हावी रही. शेयर बाजार धड़ाम हो गया. बाजार खुलने के साथ ही गिरता चला गया. क्लोजिंग बेल पर सेंसेक्स 454 अंक लुढ़ककर 72,484.82 अंक पर बंद हुआ. शुक्रवार को शेयर बाजारों में बिकवाली का जोर रहा. कमजोर वैश्विक बाजार रुझानों और विदेशी पूंजी की निकासी के चलते घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली का जोर रहा.
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों गिर गए. बीएसई में कमजोर शुरुआत के बाद 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 453.85 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,643.43 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 612.46 अंक तक गिरकर 72,484.82 पर आ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 123.30 अंक यानी 0.56 प्रतिशत गिरकर 22,023.35 अंक पर बंद हुआ. इस तरह बाजार एक दिन फिर से बिकवाली के दबाव में आ गया.
इन शेयरों में गिरावट
बृहस्पतिवार को सेंसेक्स एक दिन पहले की भारी गिरावट से उबरने में सफल रहे थे. सेंसेक्स 335.39 अंक यानी 0.46 प्रतिशत चढ़ा था जबकि निफ्टी 148.95 अंक यानी 0.68 प्रतिशत बढ़ा था. सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टुब्रो, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और भारतीय स्टेट बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट रही.
इन शेयरों में आज तेजी
दूसरी तरफ भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंडसइंड बैंक बढ़त के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त के साथ बंद हुआ. यूरोपीय बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट दर्ज की गई थी. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,356.29 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी. व्यापक बाजार में, बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.51 प्रतिशत फिसल गया जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 0.25 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के प्रति सतर्कता ने बाजार की धारणा को कमजोर कर दिया है, जिससे व्यापक बाजार में गिरावट आई है. हालांकि, जिंस की वैश्विक कीमतों में नरमी और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की जीडीपी में बढ़ोतरी के अनुमान से घरेलू मांग में मजबूती की उम्मीद बढ़ती है. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.68 प्रतिशत गिरकर 84.84 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
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