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Arvind Kejriwal News: दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल को (Arvind Kejriwal) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले के किंगपिन हैं. ईडी ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना हैं और पैसे लेकर शराब नीति में बदलाव किया गया. हवाले के जरिये 45 करोड़ रुपये की रकम भेजी गई थी. इस पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया. ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल शराब कंपनियों से 100 करोड़ रुपये की फंडिंग चाहते थे. ईडी ने पूछताछ के लिए अदालत में केजरीवाल की रिमांड मांगी है. लेकिन क्या आपको यह जानकारी है कि जिस घोटाले में केजरीवाल के शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा है, उसी की बिक्री से दिल्ली सरकार पिछली तिमाही में मालामाल हुई है.
तीसरी तिमाही की बिक्री के आंकड़े में इजाफा
दिल्ली में शराब की दुकानें ज्यादा होने और अलग-अलग ब्रांड की शराब मिलने से बिक्री बढ़ गई है. दिल्ली सरकार के एक्साइज डिपार्टमेंट की तरफ से जनवरी 2024 में 2023-24 की तीसरी तिमाही की बिक्री के आंकड़े जारी किये गए थे. इन आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 2023-24 में अक्टूबर से दिसंबर तक 9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. एक्साइज डिपार्टमेंट ने 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच 635 शराब दुकानों और 920 होटल, क्लब व रेस्तरां से शराब की बिक्री करके एक्साइज ड्यूटी और वैल्यू एडिड टैक्स से 1,889.4 करोड़ रुपये कमाए.
अब तक 5,453 करोड़ रुपये का फायदा
इससे पहले फाइनेंशियल ईयर में तीसरी तिमाही की आंकड़ों की बात करें तो एक्साइज ड्यूटी से दिल्ली सरकार को 1,725.6 करोड़ रुपये का फायदा मिला था. एक्साइज डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में बियर, व्हिस्की, वोदका, जिन, वाइन और अन्य एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दिसंबर 2023 के अंतिम आठ दिन में दुकानों से 245 करोड़ रुपये से ज्यादा की 1.4 करोड़ शराब की बोतलें बिकीं. नए साल यानी 2024 की पूर्व संध्या पर दिल्ली में मौजूदा शराब की दुकानों से अलग-अलग ब्रांड की 48 करोड़ रुपये मूल्य की 24 लाख से ज्यादा शराब की बोतलें बिकीं. एक साल पहले 31 दिसंबर 2022 को यह आंकड़ा 45 करोड़ रुपये में 20 लाख से ज्यादा बोतल बिक्री का था. एक्साइज ड्यूटी से 2023-24 की तीन तिमाही 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2023 तक 5,453.6 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.
क्या है दिल्ली शराब घोटाला
दिल्ली में 2003 से शराब बिक्री के लिए वेंडर्स को एल 1 (L1) और एल 10 (L10) लाइसेंस दिया जाता था. एल 1 दुकानें डीडीए मार्केट और लोकल शॉपिंग सेंटर में होती थीं. एल 10 वाइन शॉप का लाइसेंस शॉपिंग माल के लिए था. हर साल लाइसेंस का रिन्यूअल सरकार की तरफ से होता था. 22 मार्च 2021 को मनीष सिसौदिया को नई शराब नीति का ऐलान किया. उस समय दिल्ली में 60 परसेंट दुकानें सरकारी और 40 परसेंट प्राइवेट थीं. इसके बाद शराब नीति 2021-22 को लागू किया गया. इससे दिल्ली 32 जोन बंट गई और हर जोन में शराब की 27 दुकानें खोली गईं.
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