Home Bihar सैदपुर हॉस्टल के रूम नंबर 12 का राज अधूरा: 5 थानों की पुलिस 2 अपराधियों को पकड़कर पता नहीं कर पाई उनका टारगेट

सैदपुर हॉस्टल के रूम नंबर 12 का राज अधूरा: 5 थानों की पुलिस 2 अपराधियों को पकड़कर पता नहीं कर पाई उनका टारगेट

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सैदपुर हॉस्टल के रूम नंबर 12 का राज अधूरा: 5 थानों की पुलिस 2 अपराधियों को पकड़कर पता नहीं कर पाई उनका टारगेट

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पटना9 मिनट पहले

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  • सिटी SP ने बताया-कुख्यात बदमाश सैदपुर हॉस्टल में बैठकर बना रहे थे योजना

पटना पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पांच थानों की पुलिस ने दो कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया है कि दोनों बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने में लगे थे। पुलिस को यह भी पता चल गया था कि सैदपुर हॉस्टल एक के कमरा नंबर 12 में बदमाश रह रहे थे। लेकिन इसके बाद भी पुलिस न तो कमरा नंबर 12 का राज खोल पाई और न ही यह बता पाई कि बदमाशों के टारगेट पर कौन था, वह किस तरह की घटना को अंजाम देने वाले थे यह भी राज अधूरा है। पुलिस की थ्योरी में कई ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब पांच थानों की पुलिस नहीं दे पा रही है।

पुलिस ने यह किया है खुलासा

सिटी SP पूर्वी शनिवार को दोपहर एक बजे गुप्त सूचना मिली कि कुख्या अपराधी अभिषेक अपने साथियों के साथ सैदपुर हॉस्टल नंबर एक के कमरा नंबर 12 में गंभीर घटना को गंभीर घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम बनाई गई। टीम को बहादुरपुर के थानेदार इंस्पेक्टर सनोवर लीड कर रहे थे। टीम में उनके साथ चार अन्य थानों की पुलिस थी, इसमें इंस्पेक्टर कदमकुआ, इंस्पेक्टर खाजेकला, इंस्पेक्टर आलमगंज और इंस्पेक्टर अगमकुआं शामिल थे।

दोनों बदमाशों के पास से कट्‌टा कारतूस बरामद

पुलिस का कहना है कि 26 साल का अभिषेक बेगूसराय के साम्हो थाना क्षेत्र का रहने वाला है जबकि विवेक दीक्षित फुलवरिया गोपालगंज का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि दोनों पर 23 अक्टूबर 2018 में उसके खिलाफ हत्या से लेकर अन्य गंभीर अपराधों में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी। उसके साथी विवेक पर भी मारपीट के साथ अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। पुलिस ने दोनों के पास से एक पिस्टल मैग्जीन के साथ और एक देशी कट्‌टा के साथ आधा दर्जन से अधिक गोलियां बरामद की है। पुलिस ने दोनों का मोबाइल भी बरामद किया है।

आखिर क्या है हॉस्टल का राज

सैदपुर हॉस्टल हमेशा से संवेदनशील रहा है। पुलिस के इस खुलासे के बाद एक बार फिर सैदपुर हॉस्टल नंबर एक का कमरा नंबर 12 संवेदनशील हो गया है। सवाल यह है कि हॉस्टल में बदमाश किसके नाम पर रह रहे थे। हॉस्टल का कमरा नंबर 12 किसके नाम से अलॉट था। वहां रह रहे छात्रों को इसकी जानकारी क्यों नहीं हो पाई या फिर वह भी शामिल रहे। पुलिस ऐसे सवालों का जवाब नहीं दे पा रही है। पुलिस का कहना है कि सूचना मिली थी लेकिन बदमाशों को भी पुलिस के पहुंचने की सूचना पहले मिल गई। वह हॉस्टल से भागने लगे, तब पकड़ा गया। बहादुरपुर थानेदार का कहना है कि वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे, लेकिन यह नहीं बता पाए कि किस तरह की घटना करने की योजना थी। इतना ही नहीं पुलिस यह भी पता नहीं लगा पाई की हॉस्टल में वह किस के संपर्क से पहुंचे थे। सिटी एसपी पूर्वी से भी ऐसे सवालों के जवाब जानने की कोशिश की गई लेकिन वह भी थानेदार पर टाल दिए, टीम में शामिल 4 अन्य थानों की पुलिस भी कुछ नहीं बता पाई।

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