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मुंबई: एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने मंगलवार को एक बार फिर ओपन लेटर जारी किया. इसमें उन्होंने उधारदाताओं का भुगतान करने की प्रक्रिया और कदमों का विवरण साझा किया. अपने लेटर में डॉ. चंद्रा ने खुलासा किया कि 43 उधारदाताओं का 91 प्रतिशत से अधिक कर्ज का निपटान कर दिया गया है. बाकी बचा बकाया भी जल्द चुका दिया जाएगा.
25 जनवरी 2019 को जारी किया था पहला लेटर
डॉ. चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने इससे पहले 25 जनवरी 2019 को पहला ओपन लेटर जारी किया था. उस ओपन लेटर में डॉ चंद्रा ने IL&FS मामले से उत्पन्न लिक्विडिटी क्राइसिस की वजह से ऋणदाताओं को हुई कठिनाइयों के लिए खेद प्रकट किया था. उन्होंने स्पष्ट किया था कि वए अपनी क्षमताओं के साथ सभी बकायेदारों का पैसा चुकाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके इस वादे पर उधारदाताओं ने पूरा भरोसा जताया और वे धीरे-धीरे इसे पूरा करने में कामयाब हो गए.
कोरोना महामारी की वजह से Asset Divestment प्रक्रिया को धक्का लगा. जिससे समग्र ऋण समाधान प्रक्रिया भी धीमी हो गई. डॉ चंद्रा चाहते थे कि वे सभी उधारदाताओं का शत-प्रतिशत कर्ज चुकाने के बाद ही दूसरा ओपन लेटर जारी करें. हालांकि कोरोना महामारी और दूसरी वजहों से ऐसा होने में देरी हो गई. इसलिए वे इससे पहले ही यह ओपन लेटर जारी कर रहे हैं.
ऋण समाधान की डिटेल साझा की
ऋण समाधान से जुड़े खास बिंदुओं की डिटेल साझा करते हुए, डॉ चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम 43 उधारदाताओं के 110 खातों में कुल ऋण का 91.2% निपटान कर चुके हैं. 88.3% राशि का भुगतान किया जा चुका है, जबकि शेष 2.9% भुगतान की प्रक्रिया में है. इस प्रकार हम वित्तीय तनाव की स्थिति से बाहर आ गए हैं. बाकी बचे 8.8% कर्ज के निपटान के लिए भी सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं.’
डॉ चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने इस तथ्य पर जोर दिया कि उन्होंने अपने परिवार के सम्मान को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया था और इस पर उन्हें कोई खेद नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने स्वामित्व वाले बिजनेस के बड़े हिस्से और उसमें से भी खासकर ‘ज्वेल ऑफ द क्राउन’ से अलग होने का कोई अफसोस नहीं है. ऐसा परिवार की इज्जत बचाने के लिए किया गया था.’ डॉ. चंद्रा ने इस वित्तीय वर्ष के अंत से पहले या उससे पहले भी शेष बकाया राशि का निपटान करने की अपनी गंभीर इच्छा के बारे में विस्तार से बताया.
अपने नए वेंचर के बारे में दी जानकारी
डॉ चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय सेवाओं और प्रिंट मीडिया व्यवसायों से बाहर निकलने की अपनी बात को दोहराया. दिल से धनी और स्वभाव से आशावादी डॉ. चंद्रा ने अपने अगले कदम के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि वे डिजिटल इको सिस्टम के वीडियो स्पेस में एक वेंचर स्थापित करने जा रहे हैं. अपने 53 वर्षों के विशाल अनुभव के साथ, डॉ. चंद्रा ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाकर एक बार फिर डिजिटल वीडियो लैंडस्केप को हिला देने के लिए तैयार हैं.
अपने नए उद्यम की एक झलक देते हुए, डॉ. चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने कहा, ‘मैंने वीडियो बिजनेस में एक अच्छा अनुभव अर्जित किया है. इसलिए मैं डिजिटल स्पेस में वीडियो के साथ-साथ AI/ML (Artificial Intelligence & Machine Learning) में नए तरीके और व्यावसायिक अवसरों की खोज कर रहा हूं. जिससे ZEEL के साथ किसी भी तरह के टकराव से बचा जा सके. मैं इस बारे में बहुत जल्द विवरण प्रदान करूंगा और आप सभी एक और लीडिंग वेंचर को लॉन्च होते देखेंगे.’
डॉ. चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ऐसे वैश्विक नेता हैं, जो अपनी जड़ों और अपने देश पर बहुत गर्व करते हैं. वे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना पर दृढ़ विश्वास रखते हैं. डॉ चंद्रा अपनी कई पहल के जरिए एक बेहतर कल बनाने और राष्ट्र की चुनौतियों को मिटाने में मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
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वेंचर कैपिटलिस्ट वल्लभ भंसाली ने की ये टिप्पणी
प्रसिद्ध निवेश बैंकर, वेंचर कैपिटलिस्ट और ENAM के अध्यक्ष, वल्लभ भंसाली ने डॉ सुभाष चंद्रा के खुले पत्र पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, ‘सुभाष जी के साथ हमारी 40 वर्षों की मित्रता हमेशा गर्व की बात रही है. मुझे ये कहने में कतई गुरेज नहीं कि जहां एक विजनरी बिजनेसमैन के रूप में उनकी उपलब्धियां उल्लेखनीय रहीं हैं वहीं अपने सम्मान की रक्षा के लिए उनका त्याग उससे भी बढ़कर बात है. अपनी गलतियों को सार्वजनिक रूप से स्वीकारना भी उनकी विनम्रता को ही दर्शाता है. इस मायने में अपने 50 वर्षों के बिजनेस करियर में मैं उनके जैसी किसी अन्य शख्सियत के बारे में सोच भी नहीं सकता.’
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