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नई दिल्ली: दुनिया के टॉप 10 रईसों की लिस्ट में शुमार मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के छोटे भाई अनिल अंबानी Anil Ambani कर्ज तले इतना दब चुके हैं कि उनकी 5 कंपनियां बिकने को तैयार हैं. अनिल अंबानी की ADAG की पांच कंपनियों के लिए बोलियां मंगवाई गईं हैं.
अनिल अंबानी की (Anil Ambani) ADAG की वो 5 कंपनियां जो बिकने की कगार पर पहुंची हैं, इनमें रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल और रिलायंस एसेट कंस्ट्रक्शन शामिल हैं. ये पांचों कंपनियां रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की सब्सिडिरी कंपनियां हैं, जो कि रिलायंस ग्रुप का हिस्सा है.
बिकने वाली हैं ये ADAG की ये कंपनियां
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस
रिलायंस निप्पॉन लाइफ इश्योरेंस
रिलायंस सिक्योरिटीज
रिलायंस फाइनेंशियल
रिलायंस एसेट कंस्ट्रक्शन
खरीदारों को 17 दिसंबर तक मौका
रिलायंस कैपिटल ने कहा है कि डिबेंचर होल्डर्स समिति ने कंपनी की सब्सिडियरी कंपनियों के लिए बोली देने की आखिरी तारीख को 1 दिसंबर से बढ़ाकर 17 दिसंबर कर दिया है. जो भी खरीदार जो इन कंपनियों को खरीदने में रुचि रखते हैं वो 17 दिसंबर तक एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) जमा कर सकते हैं या एक तरह से बोली लगा सकते हैं. बाकी किसी शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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60 खरीदारों ने दिखाई दिलचस्पी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब भी किसी कंपनी को बेचा जाता है तो सबसे पहले खरीदारों से EoI मंगाया जाता है. AGAD की कंपनियों के मामले में 60 खरीदारों ने अबतक बोलियां दी हैं. ये बोलियां SBI कैपिटल मार्केट्स और JM फाइनेंशियल सर्विसेज के पास आई हैं, जो अनिल अंबानी ग्रुप के कर्जदारों के सलाहकार हैं. बोलियां पांचों कंपनियों की पूरी या कुछ हिस्सेदारी खरीदने के आई हैं.
किस कंपनी की कितनी हिस्सेदारी बिकेगी
रिलायंस सिक्योरिटीज और रिलायंस फाइनेंशियल लिमिटेड में 100 परसेंट हिस्सेदारी बेचने की योजना है. कंपनी ने रिलायंस असेट रीकंस्ट्रक्शन लिमिटेड में 49 परसेंट हिस्सेदारी के लिए बोलियां मंगवाईं हैं. इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज में भी इसकी 20 परसेंट हिस्सेदारी बिक्री के लिए रखी गई है.
अनिल अंबानी पर भारी कर्ज
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल पर 20000 करोड़ रुपये का कर्ज है. अब बैंक इसकी सब्सिडियरी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर अपना पैसा वसूलेंगे. कुछ दिन पहले ही अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल HDFC और एक्सिस बैंक के बकाया 690 करोड़ रुपये लोन पर ब्याज का भुगतान भी नहीं कर पाई. इसमें 31 अक्टूबर तक का ब्याज भी शामिल था. HDFC को 4.77 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक को 0.71 करोड़ रुपये का ब्याज समय पर नहीं दे पाई. रिलायंस कैपिटल को HDFC का 524 करोड़ और एक्सिस बैंक का 101 करोड़ रुपये चुकाना है.
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