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टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया को खरीदा, 18 हजार करोड़ की लगाई बोली

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टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया को खरीदा, 18 हजार करोड़ की लगाई बोली

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नई दिल्ली: टाटा संस (Tata Sons) ने एयर इंडिया (Air India) को खरीद लिया है. टाटा संस ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई है. DIPAM के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को यह घोषणा की.

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने एयर इंडिया की बोली जीतने पर ट्वीट कर कहा, ‘वेलकम बैक एयर इंडिया.’

दो कंपनियों ने लगाई थी बोली

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव ने बताया कि एयर इंडिया की नीलामी में दो कंपनियों ने बोली लगाई थी. इसमें टाटा संस (Tata Sons) की बोली सबसे ज्यादा 18 हजार करोड़ रुपये की रही. मंत्रियों के पैनल ने इस बिड को क्लियर कर दिया और इस प्रकार एयर इंडिया अब टाटा संस का हिस्सा बन गया है. 

मंत्रियों के पैनल ने किया फैसला

उन्होंने कहा कि देश के बड़े आर्थिक फैसले पर विचार करने के लिए एक स्पेशल पैनल गया था. इस पैनल में गृह मंत्री, वित्त मंत्री, कॉमर्स मिनिस्टर और सिविल एविएशन मिनिस्टर शामिल रहे. पैनल ने सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया. इसके बाद बिड में सबसे बड़ी बोली लगाने पर टाटा संस को विजेता घोषित कर दिया गया. 

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भारी कर्ज के बोझ से दबी थी एयर इंडिया

DIPAM के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि एयर इंडिया (Air India) पर 15 हजार 300 करोड़ रुपये का कर्ज है. टाटा संस (Tata Sons) 18 हजार करोड़ रुपये में से सबसे पहले इस कर्ज का भुगतान करेगा. उसके बाद शेष बची राशि को सरकार के पास जमा करा देगा. 

जमशेद जी टाटा ने की थी एयरलाइन की शुरुआत

बताते चलें कि टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने वर्ष 1932 में 2 लाख रुपये के निवेश से एयर इंडिया का शुरुआत की थी. उस समय कंपनी का नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था. इस एयरलाइन ने पहली उड़ान वर्ष 1932 में कराची से मुंबई के बीच भरी. कंपनी ने अपना शुभंकर महाराजा बनाया और वर्ष 1946 में इंटरनेशनल ऑपरेशन शुरू किया. जल्द ही यह एयरलाइन दुनिया की श्रेष्ठ एयरलाइन में से एक बन गई. 

नेहरू सरकार ने कर दिया था राष्ट्रीयकरण

वर्ष 1953 में जवाहरलाल नेहरू की तत्कालीन सरकार ने एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर लिया. इसके खिलाफ जेआरडी टाटा ने जोरदार कानूनी लड़ाई लड़ी लेकिन वे केस जीत नहीं पाए. तब से यह एयरलाइन सरकार का हिस्सा बन गई इसका नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया गया. 

कंपनी के सरकार का हिस्सा बन जाने के बावजूद टाटा घराने का इसके प्रति लगाव कायम रहा. अब एयर इंडिया की घर वापसी हो गई है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि टाटा के नेतृत्व में यह कंपनी क्या दुनिया में फिर अपना परचम लहरा पाएगी.

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