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पटना20 मिनट पहले
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ओमिक्रॉन की दहशत के बीच बिहार के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की तैयारी की जा रही है। पटना के जयप्रभा मेदांता में 25 बेड का कोरोना वार्ड तैयार किया गया है। हाईटेक संसाधन के साथ दवा की भी व्यवस्था की जा रही है। संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो 25 बेड से बढ़ाकर वार्ड को 47 बेड किया जाएगा। इसके लिए भी अस्पताल में तैयारी की गई है। जय प्रभा मेदांता की तरह पटना में और प्राइवेट अस्पताल भी कोरोना से इलाज के लिए तैयार किए जा रहे हैं। जय प्रभा मेदांता के निदेशक डॉ अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को की जांच से लेकर इलाज की हर व्यवस्था है। इससे मरीजों को कहीं बाहर नहीं जाना होगा।
मरीजों की कंट्रोलिंग होगी आसान
जय प्रभा मेदांता के निदेशक डॉ अरुण कुमार का कहना है कि संक्रमित अभी तो नहीं भर्ती हैं लेकिन जो व्यवस्था बनाई जा रही है उसके हिसाब से हर बेड की कंट्रोलिंग एक्सपर्ट के हाथाें में होगी। शुरुआत में ऐसे हाईटेक मॉनिटरिंग वाले 25 बेड हैं इसके बाद जरुरत पड़ी तो 22 बेड एड कर दिया जाएगा। कुल 47 बेड तक बढ़ाया जाएगा।
20 बेड का होगा कोविड ICU और 10 वेंटिलेटर
जय प्रभा मेदांता में कुल 47 बेड में 20 बेड को कोविड ICU बनाया जाएगा। इसके साथ ही 10 बेड का वेंटिलेटर भी बनाया जाएगा। सामान्य से लेकर ICU में हर बेड में मॉनिटरिंग हाईटेक होगी। मॉनिटरिंग फैसिलिटी काफी आधुनिक होगी जो सामान्य मरीजों से भी काफी सेंस्टिव होगी। ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हो, इसके लिए बड़ा प्लांट लगाया गया है।
हर विभाग में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर
कोरोना में शरीर का जो भी अंग फेल होता है उसके इलाज के लिए स्पेसलिस्ट डॉक्टर अस्पताल में लगाए गए हैं। सुपर स्पेसलिटी डॉक्टरों के कारण गंभीर मरीजों को भी इलाज के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा। मेडिसिन से लेकर कार्डियोलॉजी के सुपर स्पेसलिटी डॉक्टरों की तैनाती है। इस कारण से बाहर से डॉक्टर भी बुलाने की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल के लैब में कोरोना की जांच से लेकर कोविड पेशेंट की हर जांच आसानी से हो जाएगी। सिटी स्कैन से लेकर सभी कंपोजिंग ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। अस्पताल का कहना है कि कोरोना के मरीजों के लिए 10 वेंटीलेटर बेड है लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है।
तीसरी लहर को लेकर तैयारी
जय प्रभा मेदांता के निदेशक डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर खतरा है। ओमिक्रॉन को लेकर पूरे देश में सुरक्षा को लेकर तैयारी है। अस्पताल में कोरोना के सभी एक्सपर्ट डॉक्टर हैं। डीएम रेस्पेक्ट्री से लेकर मेडिसिन तक के विशेष डॉक्टर नहीं है। कार्डियो के 6 स्पेसलिस्ट हैं। इंडोक्राइन के 2 डॉक्टर हैं। कोरोना में शुगर बढ़ता हैं। किडनी फेलियर के लिए डायलसिस यूनिट है। आवश्यकता पड़ने पर संसाधन काे मोबलाइज किया जाएगा और दवा की व्यवस्था की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है।
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