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पटना38 मिनट पहले
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बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा समाप्त हो गई है। राज्य के 1525 सेंटर पर आयोजित परीक्षा में 16.49 लाख स्टूडेंट्स के लिए व्यवस्था की गई थी। नकल विहीन परीक्षा के बीच नकलचियों ने हर दिन बोर्ड को चुनौती दी है। पूरी मैट्रिक परीक्षा में कुल 413 नकलचियों को पकड़ा गया है जबकि 64 स्टूडेंटस को दूसरे की जगह परीक्षा देते समय पकड़ा गया है। बोर्ड का दावा है कि परीक्षा शांतिपूवर्क संपन्न करा ली गई है।
नकल में टॉप पर रहा सारण
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में सारण टॉप पर रहा है जबकि वैशाली दूसरे नंबर पर है जबकि तीसरा स्थान नालंदा का है। राज्य में कुल पकड़े गए 413 नकलचियों में सारण में 72, वैशाली में 50 और नालंदा में 47 स्टूडेंटस पकड़े गए हैं। इसी तरह पटना में 20, भोजपुर में 25, गया में 13, नवादा में 19, अरवल में एक, सुपौल में 24, मधेपुरा में 9, भागलपुर में एक, बांका में एक, खगड़िया में 21, लखीसराय में 5, रोहतास में 18, मुजफ्फरपुर में 2, सीतामढ़ी में 9, पूर्वी चंपारण में 2, सीवान में 14, गोपालगंज में 10, मधुबनी में 9, समस्तीपुर में 9, सहरसा में 7, मुंगेर में 2, जमुई में 15, बेगूसराय में 6 और अररिया में दो स्टूडेंटस को नकल करते हुए पकड़ा गया है। इन सभी स्टूडेंटस को परीक्षा से बाहर कर दिया गया है।
दूसरे की जगह परीक्षा देने में टॉप पर सुपौल
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में ऐसे भी स्टूडेंट्स खूब पकड़े गए जो दूसरे की जगह परीक्षा देने आए थे। कुल 64 स्टूडेंटस में सुपौल अव्वल रहा है। सुपौल में 19 स्टूडेंटस को पकड़ा गया है, जबकि जहानाबाद में 10 पकड़ाए हैं। गया में एक, नवादा में 6, अरवल में एक, सारण में दो, मधेपुरा में 7, बांका में दो, खगड़िया में एक, कैमूर में एक, दरभंगा में दो, मधुबनी में एक, जमुई में एक, नालंदा में 9 और कटिहार में एक स्टूडेंटस को पकड़ा गया जो दूसरे की जगह परीक्षा दे रहा था।
एग्जाम का बनाया रिकॉर्ड
बिहार बोर्ड ने कोरोना काल में बोर्ड परीक्षा का एग्जाम कराकर देश में बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। बिहार बोर्ड का कहना है कि 17 फरवरी से मैट्रिक वार्षिक परीक्षा हुई जो 24 को सफलता पूवर्क खत्म हो गई। मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए परीक्षा फॉर्म भरे हुए लगभग 16.49 लाख विद्यार्थियों के लिए राज्य के 1,525 परीक्षा केन्द्रों पर दोनों पालियों में परीक्षा का आयोजन कोरोना गाइडलाइन में कराया गया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कोरोना के बाद भी काफी समय से इंटरमीडिएट तथा मैट्रिक वार्षिक परीक्षा संपन्न करा लिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा किसभी जिलों के जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ सभी परीक्षा केन्द्रों के केंद्राधीक्षक तथा वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, वीक्षक, पुलिस बल तथा सभी जिलों में प्रतिनियुक्त शिक्षा विभाग के नोडल पदाधिकारियों एवं समिति के अधिकारियों, कर्मियों के सहयोग से परीक्षा सफलता पूवर्क पूरी की गई है। परीक्षा फॉर्म भरे हुए 16,48,894 विद्यार्थियों में कुल 8,27,288 विद्यार्थी (4,04,207 छात्राएं एवं 4,23,081 छात्र) को पूरे परीक्षा के दौरान प्रथम पाली की परीक्षा में सम्मिलित होना निर्धारित था तथा कुल 8,21,606 विद्यार्थी (4,02,498 छात्राएं एवं 4,19,108 छात्र) को पूरे परीक्षा के दौरान द्वितीय पाली की परीक्षा में सम्मिलित होना निर्धारित था।
नकल रोकने को लेकर थी पूरी सख्ती
बिहार बोर्ड का कहना है कि परीक्षा में नकल रोकने को लेकर पूरी सख्ती रही है। इसके लिए 24 घंटे तक काम करने वाले कंट्रोल रूम बनाए गए थे। विद्यार्थियों की 2 स्तर पर चेकिंग कराई गई। पहले परीक्षा केन्द्र पर प्रवेश करते समय और फिर वीक्षक स्तर पर परीक्षा कक्ष के अंदर परीक्षा देते समय चेकिंग की गई। हर 25 विद्यार्थी पर 1 वीक्षक की प्रतिनियुक्ति की गई थी।
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