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7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब सैलरी वेतन आयोग के हिसाब से नहीं बढ़ेगी. वेतन में इजाफे के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अगला वेतन आयोग (8th Pay Commission) आने की उम्मीद कम ही है. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिये बढ़ने वाली सैलरी के बजाय नए फॉर्मूले से बेसिक सैलरी बढ़ाने पर विचार हो सकता है.
सरकार की तरफ से आधिकारिक जानकारी नहीं
नए फॉर्मूले के तहत सरकार का हर साल बेसिक सैलरी बढ़ाने का प्लान है. नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू होने की उम्मीद की जा रही है. आपको बता दें 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें साल 2016 में लागू हुई थीं. सूत्रों की मानें तो हर साल केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी नए फॉर्मूले से तय होगी. हालांकि, इस फॉर्मूले को लेकर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. इस आधार पर सालाना सैलरी में इजाफा करना अच्छा विकल्प हो सकता है.
किस फॉर्मूले की है चर्चा?
अब सरकार कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए Aykroyd फॉर्मूला पर विचार कर सकती है. नया फॉर्मूला काफी समय से चर्चा में है. अभी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum Basic Salary) तय होती है. इस पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता (Dearness allowance) रिवाइज होता है. लेकिन बेसिक सैलरी पहले की ही तरह रहती है. नया फॉर्मूला लागू हुआ तो सैलरी को महंगाई (Inflation rate), कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस (Performance) से जोड़ा जाएगा. यानी प्राइवेट सेक्टर की तरह सरकारी कर्मचारियों की भी सैलरी बढ़ेगी.
नए फॉर्मूले की जरूरत क्यों?
केंद्र का ध्यान इस बात पर है कि सभी कैटेगरी के कर्मचारियों एक जैसा फायदा हो. फिलहाल अलग-अलग ग्रेड पे हैं, जिसके हिसाब से सैलरी में बड़ा अंतर है. नए फॉर्मूला से इस अंतर को कम किया जा सकता है. सहयोगी वेबसाइट जी बिजनेस डिजिटल से बात करते हुए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों के रहन-सहन को बेहतर बनाना सरकार का मकसद है. नए फॉर्मूले को लेकर अभी चर्चा नहीं हुई है लेकिन यह सुझाव अच्छा है.
पे-स्ट्रक्चर के लिए नया फॉर्मूला
7th Pay Commission की सिफारिश के समय जस्टिस माथुर ने इशारा दिया था कि पे-स्ट्रक्चर को नए फॉर्मूले (Aykroyd Formula) की तरफ ले जाना चाहते हैं. इसमें कर्मचारी के रहन-सहन पर होने वाले खर्च को ध्यान में रखकर सैलरी तय की जाती है. बढ़ती महंगाई के दौर में कर्मचारियों को इस हिसाब से सैलरी देना जरूरी है. आपको बता दें Aykroyd फॉर्मूला लेखक वॉलेस रुडेल आयकरॉयड (Wallace Ruddell Aykroyd) ने दिया था.
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