Home Bihar खतरे के निशान से 27 सेंमी ऊपर बह रही गंगा: सहायक नदियों में दबाव से निचली आबादी जलमग्न, किसानों को पशु धन बचाने की चिंता

खतरे के निशान से 27 सेंमी ऊपर बह रही गंगा: सहायक नदियों में दबाव से निचली आबादी जलमग्न, किसानों को पशु धन बचाने की चिंता

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खतरे के निशान से 27 सेंमी ऊपर बह रही गंगा: सहायक नदियों में दबाव से निचली आबादी जलमग्न, किसानों को पशु धन बचाने की चिंता

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बक्सरएक घंटा पहले

गंगा नदी के जलस्तर लगातार सोमवार को भी बढ़ता रहा।देर शाम में मील रिपोर्ट के अनुसार खतरे के निशान से 27 सेंटीमिटर के ऊपर बह रही है।हालांकि रफ्तार में पहले से कमी देखी गई है।नदी का रफ्तार 2 सेंटीमिटर प्रति दो घण्टे के हिसाब से बढ़ रहा है।हालांकि दो दिन के बाद नदी किं रफ्तार में तेजी आने की बात कही गई है।सोमवार की शाम 7 बजे नदी का जलस्तर 60.59मिटर पर पहुंच गया है।जिसके कारण जिले के पांच प्रखण्ड के अधिकतर आबादी जलमग्न दिखाई दे रही है। बक्सर कैमूर स्टेट हाइवे सहित तीन गांवो के सड़को पर पानी होने से सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है।कई घरों में पानी घुसने से छतों पर लोग पनाह लिए हुए है।

बनारपुर के वार्ड 11,13,09,जलीलपुर डिहरी पंचायत ,रामपुर के धर्मपुरा,सीकरौल पंचायत आदि गांवों में जाने वाले रास्तों पर पानी भर जाने व घरों में पानी घुसने से क्षेत्रीय लोगों की परेशानियां बढ़ गयी। जिससे लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाने के लिए सरकारी नाव तैनात किए गये है।

रोहणीभान,धर्मपुरा,तिवाय ,खिलाफ़तपुर,नरबतपुर,अखौरीपुर, आदि गांवों में लगी धान, अरहर,बजडा ,सब्जी आदि बाढ़ से डूब गया है।किसान द्वारा बताया गया कि बड़ी उम्मीद से फूलगोभी की फसल लगाया था।लेकिन सब भ गया अगर बाढ़ नदी आता तो दो लाख का फायदा होता।जिले सबसे बड़ी समस्या लोगों के सामने पशुधन बचाने की आ गयी है।पशुओं को उच्चे स्थानों पर बांध उनके चारा के लिए पूरे दिन दूर दराज के खेतों में भटकना पड़ रहा है।

ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति आक्रोश भी देखा गया।लोगो का कहना है कि अभी तक तिरपाल,पशु चार की व्यवस्था नही की गई है।व्यवस्था के नाम पर केवल नाव दिया गया है।जो कि मनमाने तरीक़े से चला रहे है।

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