Home Bihar लूट के आरोपी के भाई की बेरहम पिटाई: गया पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, पीड़ित MMCH में भर्ती, SSP बोलीं – ठंड लगी

लूट के आरोपी के भाई की बेरहम पिटाई: गया पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, पीड़ित MMCH में भर्ती, SSP बोलीं – ठंड लगी

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लूट के आरोपी के भाई की बेरहम पिटाई: गया पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, पीड़ित MMCH में भर्ती, SSP बोलीं – ठंड लगी

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गया5 मिनट पहले

गया पुलिस अब पूरी तरह से गुंडई पर उतर गई है। उसने कायदे कानून को ताक पर रख करते हुए आरोपी अपराधी की तलाश में उसके भाई को बेरहमी से पीट कर अधमरा कर दिया है। वह न तो पेशाब ही कर पा रहा है और न ही अपने पैरों पर खड़ा हो पा रहा है। यही नहीं वह ठीक से सांसें भी नहीं ले पा रहा है। यहां तक कि करवट भी लेने में भारी कष्ट हो रहा है। यह काम किसी और का नहीं, बल्कि जिले के डोभी थाना पुलिस और स्पेशल टीम की है।

हद तो तब हो गई जब इस मामले में एसएसपी से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि ‘नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है।’ लेकिन जब उन्हें बताया गया कि वह तो गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है और उसके बदन पर बेरहमी से मारे जाने के निशान हैं, तो उन्होंने और भी हैरानी भरे जवाब दिए। जवाब सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। कहा – ‘नहीं, नहीं। उसे तो ठंड लग गई है। ऐसे में हमने वरीय अधिकारी को मामले की जांच करने को कहा है।’

हंटरगंज में हुई लूट के आरोपी की तलाश में है पुलिस

दरअसल यह मामला हंटरगंज के कबाड़ कारोबारी से लूट की घटना से जुड़ी है। शनिवार 29 अक्टूबर को लूट की घटना हुई थी। पुलिस ने मामले में छानबीन करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। छानबीन के दौरान पुलिस आरोपियों के साथ-साथ लूट की रकम की तलाश में जुटी थी। इस दौरान वह छोटू नाम के युवक को तलाश रही थी। छोटू डोभी के वकीलगंज गांव का रहने वाला है। छोटू नहीं मिला तो उसके घर की तलाशी ली गई।

उसके पिता सुरेंद्र पासवान व घर की महिलाओं को थाने ले आई। साथ ही में छोटू के भाई सुभाष को उसके मामा के घर से उठा लिया। उसके बाद छोटू की तलाश में पुलिस ने सुभाष के साथ जो किया, वह किसी गुंडई से तनिक से भी कम नहीं है।

सुभाष को रात भर पीटते रहे पुलिसवाले

सुभाष का कहना है कि चार गाड़ी से पुलिस थी। वे हमें रात भर इधर-उधर ले जाकर बेरहमी से पीटती रहे। कोई पेट पर कूद पड़ा तो किसी ने राइफल के बट से सीने और पीठ पर मारा। यही नहीं, पैर और पीठ को किसी काम लायक ही नहीं रहने दिया। खास बात यह है कि इस बात से अंजान सुभाष का पिता सुरेंद्र पासवान खुद थाने में ही हिरासत में बैठा था। लेकिन जब थाने से अधमरे स्थिति में सुभाष को ले जाते हुए उसकी अचानक नजर पड़ी तो वह आगबबूला हो गया और शोर मचाने लगा।

सुरेंद्र पासवान के अनुसार उसके हंगामा करने पर पुलिसवालों ने सुभाष को वहीं पर छोड़ दिया और पूरे मामले से किनारा कर लिया। इसके बाद उसने खुद एंबुलेंस मंगवाया और सुभाष को लेकर पहले डोभी अस्पताल और फिर मगध मेडिकल में भर्ती कराया। अब वह बेड पर मरनासन्न स्थिति में पड़ा है।

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