Home Business Adani Green on Bribery Charge: अडानी ग्रुप की 9 कंपन‍ियों ने नकारा, एक ने माना; हमारे ख‍िलाफ US में जांच चल रही

Adani Green on Bribery Charge: अडानी ग्रुप की 9 कंपन‍ियों ने नकारा, एक ने माना; हमारे ख‍िलाफ US में जांच चल रही

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Adani Green on Bribery Charge: अडानी ग्रुप की 9 कंपन‍ियों ने नकारा, एक ने माना; हमारे ख‍िलाफ US में जांच चल रही

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Adani Green Energy: अडानी ग्रुप (Adani Group) की अध‍िकतर कंपन‍ियों ने अमेरिका में र‍िश्‍वतखोरी के आरोप की जांच को लेकर नोटिस मिलने से इनकार किया है. लेकिन ग्रुप की र‍िन्‍यूएबल एनर्जी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी इस बारे में जानकारी होने की बात कही है. अडानी ग्रीन एनर्जी की तरफ से मंगलवार को कहा कि तीसरे पक्ष की तरफ से अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के उल्लंघन की जांच के बारे में उसे जानकारी है. हालांकि, कंपनी ने तीसरे पक्ष के साथ क‍िसी तरह का संबंध होने से मना क‍िया है.

10 ल‍िस्‍टेड कंपनियों ने अलग-अलग जवाब भेजा

देश के शेयर बाजारों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों से उस मीडिया रिपोर्ट पर जवाब देने के ल‍िए कहा था, जिसमें अडानी ग्रुप की किसी यून‍िट के कथित तौर पर र‍िश्‍वतखोरी में शामिल होने की अमेरिका में जांच होने की बात कही गई थी. इस बारे में अडानी ग्रुप की 10 ल‍िस्‍टेड कंपनियों ने शेयर बाजार को अलग-अलग जवाब भेजा है. कंपन‍ियों ने इस रिपोर्ट को ‘गलत’ बताया और कहा क‍ि र‍िश्‍वतखोरी के आरोप पर अमेरिकी न्याय विभाग का कोई नोटिस नहीं मिला है.

अडानी ग्रीन ने नोटिस म‍िलने की बात को नकारा
हालांकि, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने एक जानकारी में कहा कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है. लेकिन उसे ‘तीसरे पक्ष की तरफ से अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के उल्लंघन की अमेरिका के न्याय विभाग की तरफ से जांच के बारे में उसे जानकारी है.’ कंपनी ने कहा, ‘हमारा तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध नहीं है और इस तरह अमेरिका की मौजूदा जांच के दायरे पर क‍िसी तरह का बयान देने में असमर्थ हैं क‍ि कंपनी या उसका कोई भी कर्मी तीसरे पक्ष के साथ कथित लेनदेन के बारे में है या उसके संपर्क में है.’

अडानी ग्रीन ने आरोपों का ब्योरा नहीं द‍िया
अडानी ग्रीन एनर्जी ने इस बारे में आरोपों का ब्योरा नहीं दिया. इस मामले पर वित्तीय सेवा कंपनी जेपी मॉर्गन ने अपने एक नोट में कहा कि इस जांच से संबंधित ब्योरा ‘बहुत कम है और इस जांच से किसी सफल अभियोजन तक नहीं पहुंचा जा सकता है. हालांकि इसका सीमित वित्तीय / मौलिक प्रभाव पड़ सकता है.’ जेपी मॉर्गन ने कहा, ‘इस बारे में आई खबरों को सच मानते हुए हमारी राय है कि अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) से ऐसी जांच का कानूनी आधार बनता है.’

जेपी मॉर्गन ने कहा, ‘अडानी ग्रुप के अमेरिकी डॉलर बॉन्ड जारीकर्ताओं की प्रोफाइल के बेस पर यह इकाई अडानी ग्रीन एनर्जी से संबंधित हो सकती है.’ अमेरिका का एफसीपीए कानून लेखांकन धोखाधड़ी से जुड़े न‍ियमों के अमेरिकी और विदेशी व्यक्तियों व कंपनियों को कारोबार जुटाने या उसे बनाए रखने के लिए विदेशी अधिकारियों को भ्रष्ट भुगतान करने से रोकता है. अमेरिका में ल‍िस्‍टेड या अमेरिकी निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी करने वाली कंपनियां इसके दायरे में आ सकती हैं.

अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) दोनों को इस कानून के तहत प्रवर्तन अधिकार हासिल हैं. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की एक कंपनी संभावित रूप से ‘एक ऊर्जा परियोजना पर अनुकूल आचरण के लिए भारत में अधिकारियों को भुगतान करने’ में कथित तौर पर शामिल थी. हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि देश में जारी विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा निविदाओं में शामिल उच्चस्तर की पारदर्शिता को देखते हुए महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की गुंजाइश बहुत कम लगती है.

एफसीपीए के रिश्वत-रोधी प्रावधानों के तहत दोषी कंपनी पर 20 लाख डॉलर या मौद्रिक लाभ की दोगुनी राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है जबकि व्यक्तियों के मामले में यह पांच साल तक की कैद और 2.5 लाख डॉलर का जुर्माना या मौद्रिक लाभ का दोगुना हो सकता है.

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