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Wirecard Scandal: जनवरी 2022 में भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) को एक रिपोर्ट के बाद जबरदस्त नुकसान हुआ था. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की तरफ से Adani Group को लेकर जारी की गई रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर अडानी ग्रुप पर शेयर की कीमत से हेरफेर करने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद उनसे न केवल देश के सबसे अमीर कारोबारी होने का खिताब छिन गया था बल्कि वह दुनियाभर के शीर्ष 20 अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो गए थे. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर 88 गंभीर सवाल उठाए गए थे.
अडानी ग्रुप को क्लीन चिट मिली
इसके बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई. इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक समिति का गठन किया गया. इस समिति ने पिछले दिनों जमा की गई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है. अडानी ग्रुप के चेयरमैन ग्रुप के ऊपर लगे गंभीर आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके थे. लेकिन अब लगता है कि Hindenburg आसानी से गौतम अडानी का पीछा नहीं छोड़ने वाला है. एक बार फिर से Hindenburg की तरफ से अडानी ग्रुप को लेकर नया ट्वीट किया गया है.
जर्मनी की वायरकार्ड स्कैम से की तुलना
हिंडनबर्ग (Hindenburg) संचालक नैट एंडरसन (Nate Anderson) ने ट्वीट कर अडानी मामले की तुलना जर्मनी के वायरकार्ड स्कैम (Wirecard Scam) से कर डाली. इस बार उन्होंने किसी तरह की शेयरों में हेर-फेर का आरोप नहीं लगाया है. नैट एंडरसन ने अडानी ग्रुप की तरफ से एक मीडिया संस्थान के पत्रकार के खिलाफ मोर्चा खोलने पर पोस्ट किया है. नैट एंडरसन ने अपने ट्वीट में लिखा कि गौतम अडानी (Gautam Adani) एक लेख को लेकर पत्रकार डैन मैक्रम (Dan McCrum) पर निशाना साध रहे हैं. ऐसी ही कोशिश एक कंपनी वायरकार्ड (Wirecard) की तरफ से की गई थी. बाद में इस जर्मन कंपनी को देश का सबसे बड़ी धोखाधड़ी का आरोपी पाया गया. नैट एंडरसन ने अडानी ग्रुप की तुलना इसी वायरकार्ड से की है.
क्या है वायरकार्ड स्कैम?
Wirecard पेमेंट सिस्टम है ऑनलाइन या मोबाइल पर क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट को स्वीकार करने की अनुमति देता है. 1999 में इस कंपनी की स्थापना मार्कस ब्रौन ने की थी. इसका कारोबार पोर्न और गैंबलिंग वेबसाइट को सर्विस देने के साथ शुरू हुआ था. 2002 के बाद ब्रौन की लीडरशिप में कंपनी ने तेजी के साथ विस्तार किया. इसके बाद कंपनी बैंकिंग सेक्टर से भी जुड़ गई. पत्रकार डैन मैक्रम ने अक्टूबर 2019 में वायरकार्ड को लेकर एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि कंपनी के बिजनेस में सेल्स और प्रॉफिट को लेकर बड़ी धोखाधड़ी हुई है. आरोप में कहा गया कि बैलेंस शीट से 1.9 अरब यूरो के हेर-फेर को लेकर रिसर्च शेयर की गई. उस समय यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था.
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