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ट्रंप की टैरिफ नीतियों से मची उथल-पुथल के बीच, भारत बना स्थिरता का केंद्र

ट्रंप की टैरिफ नीतियों से मची उथल-पुथल के बीच, भारत बना स्थिरता का केंद्र

नई दिल्ली – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों से जहां वैश्विक बाजार अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, वहीं भारत एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन भारत इस वैश्विक उथल-पुथल से अपेक्षाकृत सुरक्षित नजर आ रहा है।

वैश्विक बाजारों में अस्थिरता

ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों, विशेष रूप से चीन और यूरोप से आयातित वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ, ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इस टैरिफ युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, उत्पादन लागत बढ़ रही है, और कई बड़े देशों में महंगाई की चिंता बढ़ गई है।

जर्मनी और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को निर्यात में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है, जबकि दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों में भी व्यापार मार्गों में बदलाव के कारण दिक्कतें आ रही हैं। विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने भी चेतावनी दी है कि बढ़ते व्यापार विवादों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है।

भारत की स्थिरता के पीछे प्रमुख कारण

अन्य निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत को इस व्यापार युद्ध से अधिक नुकसान नहीं हुआ है। इसकी प्रमुख वजहें हैं:

निवेशक विश्वास और विकास की संभावनाएं

भारत का शेयर बाजार वैश्विक अस्थिरता के बावजूद मजबूत बना हुआ है। टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में विदेशी निवेश (FDI) लगातार बढ़ रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी संतुलित मौद्रिक नीति अपनाई है, जिससे महंगाई नियंत्रण में बनी हुई है।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों, विशेष रूप से कपड़ा और ऑटोमोबाइल निर्यात, को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन समग्र रूप से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की संरचनात्मक सुधार नीतियां और आत्मनिर्भरता की रणनीति इसे वैश्विक व्यापार संकट से बचाने में मदद करेंगी।

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