Home Business Bijay Agrawal Success Story: बांग्‍लादेश से खाली हाथ आया! आज हजारों करोड़ में खेल रहा यह ब‍िहारी; Google भी है किरायेदार

Bijay Agrawal Success Story: बांग्‍लादेश से खाली हाथ आया! आज हजारों करोड़ में खेल रहा यह ब‍िहारी; Google भी है किरायेदार

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Bijay Agrawal Success Story: बांग्‍लादेश से खाली हाथ आया! आज हजारों करोड़ में खेल रहा यह ब‍िहारी; Google भी है किरायेदार

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Bijay Agrawal Net Worth: बिहार के मध्‍यम वर्गीय पर‍िवार से ताल्‍लुक रखने वाले बिजय अग्रवाल (Bijay Agrawal) के बारे में शायद ही आप जानते हों. लेक‍िन यद‍ि आपको कोई बताए क‍ि गूगल (Goole), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और JPMC जैसी कंपन‍ियां इनकी क‍िरायेदार हैं. इतना ही नहीं बिजय अग्रवाल को क‍िराये से सैकड़ों करोड़ की कमाई है. यह सुनकर आप इनके बारे में जानने के जरूर इच्‍छुक होंगे. जी हां, जीवन की शुरुआत में 5000 रुपये की नौकरी करने वाले बिजय अग्रवाल ने आज 5000 करोड़ का कारोबार खड़ा कर ल‍िया है. उनका मुख्‍य पेशा क‍िराये का है. हैदराबाद में एक इमारत का उनका क‍िराया हर महीने 4.14 करोड़ रुपये है.

117 महीने के ल‍िए लीज पर ली ब‍िल्‍ड‍िंग

हैदराबाद की इस प्रॉपर्टी को गोल्डमैन सैक्स ने 117 महीने के ल‍िए लीज पर ल‍िया है. बिल्डिंग का हर महीने का क‍िराया 4.14 करोड़ रुपये है. गोल्डमैन सैक्स ने देवभूमि रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास 35.2 करोड़ रुपये जमा किए हैं. यह सत्व ग्रुप की सहायक कंपनी है. बिजय अग्रवाल सत्व ग्रुप (Sattva Group) के एमडी और प्रमोटर हैं. 
बिहार के किशनगंज से ताल्‍लुक रखने वाले बिजय अग्रवाल के पिता 1965 में बंग्लादेश से भारत आकर ब‍िहार में बस गए. वहां उनके प‍िता ने छोटे-मोटे कारोबार से 9 बच्‍चों का पालन-पोषण क‍िया.

नौकरी से की जीवन की शुरुआत
बिजय अग्रवाल का बचपन भी मुफल‍िसी में बीता. उनकी बहन की शादी हुई तो वह कुछ समय बाद बहनोई की दुकान पर मदद करने के ल‍िए राजीगंज, पश्‍च‍िम बंगाल उनके पास चले गए. यहां पर ही उन्‍होंने बिजनेस के गुर सीखें. बहनोई के पास कुछ समय काम करने के बाद वह 1985 में कोलकाता चले गए. यहां उन्होंने एक फाइनेंशियल कॉरपोरेशन कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. ब‍िल्‍डर के अधूरे प्रोजेक्‍ट को पूरा करने वाली इस कंपनी में रहकर उन्‍होंने कंस्ट्रक्शन से जुड़ा काम सीखा.

सैकड़ों करोड़ में है सालाना आमदनी
1993 में उन्‍होंने जीडी सलारपुरिया के साथ मिलकर बेंगलुरु में पहला प्रोजेक्ट शुरू किया. इसके बाद उन्‍होंने छोटे-बड़े कई प्रोजेक्ट शुरू किए. यहीं से उन्‍हें तरक्‍की की राह पकड़ी. सलारपुरिया और उन्‍होंने म‍िलकर सलारपुरिया-सत्वा ग्रुप (Salarpuria-Sattva group) की शुरुआत की. उनकी कंपनी 34 साल से भी ज्‍यादा समय से बेंगलुरु में काम कर रही है. कंपनी ने प‍िछले कुछ सालों में हैदराबाद में तेजी से व‍िस्‍तार क‍िया है. हैदराबाद और बेंगलुरु में लीज पर दी गई प्रॉपर्टी से कंपीन को अच्‍छी आमदनी है. साल 2020 में कंपनी की क‍िराये से सालाना आमदनी 857 करोड़ रुपये तक थी. हालांक‍ि कोरोना के बाद क‍िराये से आमदनी में कमी आई है.

ICRA की एक रिपोर्ट के अनुसार सलारपुरिया-सत्व ग्रुप ने 55.4 मिलियन वर्ग फुट से ज्‍यादा ब‍िल्‍टअप एर‍िया तैयार कर ल‍िया है. 2021 में कंपनी की रेंटल इनकम घटकर 761 करोड़ रुपये पर आ गई. हुरुन रिच लिस्ट के अनुसार बिजय अग्रवाल की टोटल नेटवर्थ 4170 करोड़ रुपये है. छोटे से काम से शुरुआत करने वाले ब‍िजय अग्रवाल की कंपनी में आज 1600 कर्मचारी काम कर रहे हैं. उनकी कंपनी और भी कई सेक्‍टर में काम कर रही है.



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