Bitcoin को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है, फेडरल रिजर्व की नीतियों से क्रिप्टो कीमतों में गिरावट का डर|
Bitcoin को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है, फेडरल रिजर्व की नीतियों से क्रिप्टो कीमतों में गिरावट का डर
बिटकॉइन (BTC) और अन्य क्रिप्टोकरेंसी इस समय बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं, जो मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में बदलावों से प्रभावित हैं। हाल ही में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित वृद्धि की संभावना ने बिटकॉइन के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतों में गिरावट का डर बढ़ गया है।
बिटकॉइन को क्यों हो सकता है “भारी संकट” का सामना
1. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति का प्रभाव
- फेड की नीतियाँ और ब्याज दरें: फेडरल रिजर्व, जो अमेरिकी केंद्रीय बैंक है, वैश्विक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी में। हाल ही में श्रम बाजार से जुड़े मजबूत आंकड़ों के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि फेड ब्याज दरों में कटौती करने में संकोच करेगा।
- उच्च ब्याज दरें: उच्च ब्याज दरें पारंपरिक निवेशों जैसे सरकारी बांड को अधिक आकर्षक बना देती हैं, जिससे बिटकॉइन जैसी जोखिम वाली संपत्तियों की अपील कम हो जाती है। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी संपत्तियों की आकर्षण को कम कर देती हैं।
- फेड का आक्रामक रुख: यदि फेड ब्याज दरों को बनाए रखता है या बढ़ाता है, तो इससे जोखिम वाली संपत्तियों, जैसे बिटकॉइन, पर दबाव बढ़ सकता है। इस “फेड शॉक” से बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट का डर उत्पन्न हो गया है, क्योंकि निवेशक इसे एक नकारात्मक कारक के रूप में देख रहे हैं।
2. बिटकॉइन की कीमत में गिरावट और समर्थन स्तर
- बिटकॉइन की वर्तमान स्थिति: बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, और कुछ विश्लेषक यह आशंका जता रहे हैं कि यह $92,000 के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर को तोड़ सकता है, जिसके बाद यह $90,000 तक गिर सकता है।
- संभावित गिरावट का डर: विश्लेषकों का मानना है कि यदि बिटकॉइन इन महत्वपूर्ण समर्थन स्तरों को तोड़ता है, तो कीमतों में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि निवेशक डर के मारे अपनी पोजीशन बेच सकते हैं। “भारी संकट” का मतलब है कि फेड की नीतियों से एक बड़ी गिरावट का खतरा हो सकता है, जिससे बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है।
- बाजार भावना के आधार पर अस्थिरता: बिटकॉइन की अस्थिरता इस समय ज्यादा है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक स्थिति, जैसे कि मुद्रास्फीति, ब्याज दरें और सरकारी बॉन्ड की यील्ड, निवेशकों की भावना पर बड़ा प्रभाव डाल रही हैं।
3. ट्रेजरी यील्ड्स की भूमिका
- बढ़ती ट्रेजरी यील्ड्स: बिटकॉइन को बढ़ती अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स से भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे बॉन्ड यील्ड्स बढ़ती हैं, निवेशक पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेशों जैसे सरकारी बॉंड्स को प्राथमिकता देते हैं, और बिटकॉइन जैसे जोखिम वाले निवेशों से दूर रहते हैं। यह बिटकॉइन की कीमत पर और दबाव डालता है।
- “रिस्क-ऑफ” भावना: जब ट्रेजरी यील्ड्स बढ़ती हैं, तो निवेशक सामान्यत: “रिस्क-ऑफ” मानसिकता अपनाते हैं, जिसका मतलब है कि वे जोखिम वाली संपत्तियों से बाहर निकलकर सुरक्षित निवेशों की ओर जाते हैं। इससे बिटकॉइन का आकर्षण कम होता है और कीमतों में गिरावट आती है।
4. ऐतिहासिक रुझान और बिटकॉइन की संवेदनशीलता
- पिछले बाजार चक्र: ऐतिहासिक रूप से, बिटकॉइन मौद्रिक नीति और ब्याज दरों में बदलावों के प्रति संवेदनशील रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत आम तौर पर मौद्रिक नीति में सहजता के दौरान बढ़ती है और कड़े होते ही गिरने लगती है।
- नियामक अनिश्चितता: ब्याज दरों और ट्रेजरी यील्ड्स के अलावा, क्रिप्टोकरेंसी बाजार को नियामक बदलावों का भी सामना करना पड़ता है। क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफार्मों पर बढ़ते नियामक दबाव और संभावित कड़े नियमों के कारण अनिश्चितता बढ़ गई है।
निवेशकों के लिए सलाह
- बाजार में सतर्कता:
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि वर्तमान में बाजार में अधिक अस्थिरता है। जो निवेशक बिटकॉइन में बड़ा निवेश कर रहे हैं, उन्हें महत्वपूर्ण तकनीकी स्तरों पर नजर रखनी चाहिए, जैसे $92,000 का स्तर। यदि ये स्तर टूटते हैं, तो गिरावट का सिलसिला और बढ़ सकता है। - मूलभूत बातों पर ध्यान:
जबकि बिटकॉइन की कीमत बाजार भावना से प्रभावित होती है, दीर्घकालिक निवेशकों को बिटकॉइन की बुनियादी ताकतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैसे इसकी स्वीकृति, तकनीकी विकास और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य। हालांकि, शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को बाजार के बदलावों के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील होना चाहिए और जब कीमतें बढ़ें तो मुनाफा कमाने के लिए उपाय करने चाहिए। - फेड की नीतियों पर नजर रखना:
चूंकि फेड की मौद्रिक नीति बिटकॉइन पर सीधा प्रभाव डालती है, इसलिए फेडरल रिजर्व के निर्णयों, आर्थिक आंकड़ों और बॉंड यील्ड्स के ट्रेंड्स पर नजर रखना जरूरी है। यदि फेड ब्याज दरों को बनाए रखता है या बढ़ाता है, तो यह बिटकॉइन पर दबाव को और बढ़ा सकता है। - विविधीकरण:
जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में भारी निवेश कर रहे हैं, उनके लिए यह समझदारी हो सकती है कि वे अपने पोर्टफोलियो को अन्य परिसंपत्तियों जैसे स्टॉक्स, कमोडिटीज या बॉंड्स में विविधित करें, ताकि यदि बिटकॉइन की कीमत गिरती है तो इससे जोखिम को कम किया जा सके।