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Budget 2024: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश करेंगी. चुनावी साल होने के चलते यह बजट अंतरिम बजट होगा. बजट को लेकर लोगों ने कई उम्मीदें लगा रखी हैं, हालांकि बड़ी ऐलान की संभावना बहुत कम है. हालांकि जानकारों का मानना है कि वित्त मंत्री बजट में महिलाओं के लिए खास ऐलान कर सकती हैं.
महिलाओं को तोहफा
अर्थशास्त्री राधा रमण मिश्रा की माने तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में एनपीएस को आकर्षक बनाने, महिलाओं को कुछ टैक्स छूट दे सकती हैं. आम चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट से पहले सरकार लोकलुभावन घोषणाओं से बचेगी. उसकी कोशिश राजकोषीय मजबूती पर फोकस करना होगा. अर्थशास्त्रियों ने यह राय जताई है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग के बीच एनपीएस (नई पेंशन प्रणाली) को आकर्षक बनाने के साथ बजट में महिलाओं के लिए अलग से कुछ कर छूट मिलने की उम्मीद है.
मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद
एक्सपोर्ट की माने तो चुनावी साल में मानक कटौती की राशि बढ़ाकर नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को कुछ राहत दी जा सकती है. बजट संभावनाओं पर जाने-माने अर्थशास्त्री और वर्तमान में बेंगलुरु स्थित डॉ. बी आर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एनआर भानुमूर्ति ने न्यूज एजेंसी भाषा के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सरकार के रूख को देखते हुए अंतरिम बजट के लोकलुभावन होने की संभावना नहीं है. प्रधानमंत्री पहले ही गरीब कल्याण अन्न योजना जैसे कुछ उपायों की घोषणा कर चुके हैं,जो अगले कुछ सालों तक जारी रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना के राजनीतिक मुद्दा बनने को देखते हुए सरकार पेंशन व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए कुछ ऐलान कर सकती है.
पेंशन पर ऐलान संभव
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की समीक्षा और उसमें सुधार के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में पिछले साल अप्रैल में समिति बनायी थी। समिति संभवत: इस महीने के अंत में अपनी रिपोर्ट देगी. ऐसे में उम्मीद है कि बजट में इसे लेकर ऐलान हो सकता है. वहीं सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टडीज के चेयरमैन सुदिप्तो मंडल ने भी कहा कि पिछले अनुभव से पता चलता है कि इस सरकार ने राजकोषीय नीतियों का पालन किया है. चुनावी साल 2019 में भी बहुत अधिक लोकलुभावन योजनाओं और खर्च का सहारा नहीं लिया गया. ऐसे में आगामी बजट में बहुत अधिक लोकलुभावन योजनाओं की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि जैसी पुरानी योजनाएं बरकरार रखी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को आयकर मोर्चे पर कुछ राहत मिल सकती है. स्टैंडर्ट डिडक्शन की राशि बढ़ाकर कुछ राहत दिये जाने की उम्मीद है. फिलहाल मानक कटौती के तहत 50,000 रुपये की छूट है.
टैक्स में राहत
इसी तरह से आर्थिक शोध संस्थान, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि बजट लोकलुभावन नहीं होगा. वित्त मंत्री राजकोषीय मजबूती के रास्ते से नहीं हटेंगी, हालांकि, बढ़ती खाद्य महंगाई और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान को देखते हुए किसानों को लक्षित नकद हस्तांतरण बना रहेगा. टैक्स में राहत को लेकर उन्होंने कहा कि आयकर कानून की धारा 88सी के तहत महिलाओं के लिए कुछ अलग से कर छूट मिल सकती है. उन्होंने कहा कि चूंकि भारतीय आबादी के मुकाबले आयकरदाताओं की संख्या बेहद कम है, ऐसे में महिलाओं और पुरुषों के लिए कर राहत से जुड़ी घोषणाओं का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है.
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