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पटना40 मिनट पहले
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पटना हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मास्टर स्ट्रोक जातिगत जगणना पर आज सुनवाई होनी है। पटना हाईकोर्ट में सुनवाई अब से कुछ देर बाद होनी है। चीफ जस्टिस की बेंच में यह सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना को रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को पटना हाई कोर्ट भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन पर पटना हाई कोर्ट में आज सुनवाई होनी है।
4 मई को होनी थी सुनवाई
दरअसल पटना हाईकोर्ट में जातिगत जनगणना पर 4 मई को सुनवाई होनी थी, लेकिन 3 दिन पहले सुनवाई हो रही है। हाईकोर्ट ने 4 मई की तारीख दी थी। तब तक जातीय गणना आगे बढ़ जाती। इसलिए याचक ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब आज यह सुनवाई होगी। राज्य के लाखों लोगों के साथ सरकार की नजर इस पर बनी हुई है।
1931 की गनणा की रिपोर्ट
सरकार अपने संसाधन से करा रही है जातिगत जनगणना
बिहार के लोगो की जाति पूछते हुए उसकी सारी जानकारी रिकॉर्ड के रूप में दर्ज की जा रही है। आर्थिक सर्वे साथ-साथ हो रहा। दो चरणों में यह प्रक्रिया पूरी होनी है। पहले चरण के दौरान आवास आदि की गणना की गई। दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ, जिसकी शुरुआत सीएम नीतीश कुमार ने खुद की। अब 15 मई तक इसे करना है। वहीं असंवैधानिक और जातियों का नाम बदलने या विलोपित करने को साजिश बताते हुए सुप्रीम कोर्ट तक फरियाद लगाई। इसका असर यह रहा कि पटना हाईकोर्ट चार मई की जगह एक मई को याचिका की सुनवाई कर रही है।
चीफ जस्टिस बेंच में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनोद चंद्रण और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच में याचिका पर सुनवाई है। महाधिवक्ता पी. के. शाही राज्य सरकार की ओर से दलील देंगे की जाति आधारित गणना एक ऐसा सर्वे है, जिसके जरिए सरकार लाभार्थियों की सही संख्या निकालते हुए उस हिसाब से नीतिगत फैसले ले सकेगी। सरकार अपनी दलील देंगी। पूर्व मंत्री और महाधिवक्ता की ओर से यह पक्ष रखा जाएगा कि इस सर्वे के जरिए तैयार रिकॉर्ड के आधार पर योजनाओं और सुविधाओं को राज्य के हर आदमी तक पहुंचाने की योजना है। जबकि दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता सिंह और हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीनू कुमार दलील देंगे।
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