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Currency Printing Rate List: देश में लगातार बढ़ती महंगाई से खाने पीने से लेकर रोजमर्रा की चीजों की कीमतों ने आसमान छू लिए हैं. ऐसे में आम आदमी की जेब पर तो बोझ पड़ ही रहा है, साथ में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी नोट छापना महंगा पड़ रहा है. हाल ही में एक सूचना के अधिकार (RTI) में खुलासा हुआ है कि 200 रुपये के नोट छापने की लागत (Currency Printing Rate) 500 रुपये के मुकाबले ज्यादा आ रही है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने सभी नोटों को छापने में होने वाले खर्चे के बारे में भी बताया है.
RTI में हुआ खुलासा
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए के मुताबिक, हाल ही में एक RTI में पता चला है कि 200 रुपये का नोट छापना 500 रुपये की तुलना में कहीं ज्यादा महंगा हो गया है. एक RTI के जवाब में RBI ने बताया कि इन दिनों 10 रुपये के नोट को छापना 20 रुपये के मुकाबले महंगा हो गया है. इसकी वजह कागज की लगातार बढ़ती कीमतें हैं. इसके अलावा RBI ने 2 हजार रुपये का नोट छापना लगभग बंद कर दिया है.
जानिए किस नोट को छापने में आता है कितना खर्चा?
10 रुपये के एक हजार नोट छापने का खर्च- 960 रुपये
20 रुपये के एक हजार नोट छापने का खर्च- 950 रुपये
50 रुपये के एक हजार नोट छापने का खर्च- 1,130 रुपये
100 रुपये के हजार नोट छापने का खर्च- 1,770 रुपये
200 रुपये के हजार नोट छापने का खर्च- 2,370 रुपये
500 रुपये के हजार नोट छापने का खर्च- 2,290 रुपये
50 रुपये के नोट की छपाई में सबसे ज्यादा उछाल
बढ़ती महंगाई के बीच नोटों की लागत में भी उछाल देखने को मिला है. सबसे ज्यादा असर 50 रुपये के नोट पर पड़ा है. RBI के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 50 रुपये के हजार नोट छापने का खर्च 920 रुपये आता था, जो 2021-22 में 23 फीसदी बढ़कर 1,130 रुपये पर आ गया. वहीं इसका सबसे कम असर 20 रुपये के नोट पर पड़ा है. फिस्कल ईयर 2020-21 में 20 रुपये के हजार नोट छापने पर खर्च 940 रुपये था, जो बढ़कर 950 रुपये हो गया. इस दौरान 500 रुपये के नोट पर कोई असर देखने को नहीं मिला है.
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