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- MoU Signed Between Education Department And IIT Patna, Science Labs Will Be Set Up In 7 Schools Of Patna In The First Phase
पटना38 मिनट पहले
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया है। आईआईटी पटना के साथ यह एमओयू राज्य के 50 अनुकरणीय उच्च विद्यालयों (हाई स्कूलों) में मॉडल साइंस लैब स्थापित करने के लिए किया गया है।
साइंस लैब से बच्चों को कितना फायदा हुआ इसका आकलन भी करेंगे
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने के लिए सिद्धांत से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रैक्टिकल है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में पटना के 7 चयनित उच्च विद्यालयों में ये साइंस लैब स्थापित होगा। इसके बाद अन्य जिलों के 43 विद्यालयों में इसे स्थापित किया जाएगा। बताया कि अगर हमारे स्कूलों की प्रयोगशाला संवर्धित रहेगी तो बच्चे विज्ञान को प्रभावी तरीके से समझ सकेंगे। देखकर बच्चे अच्छी तरह से समझते हैं। शिक्षा मंत्री ने लैब से बच्चों को क्या लर्निंग हुई, क्या फायदे हुए इसका आकलन भी करने का निर्देश स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और विभाग के अधिकारियों को दिया।
एक साइस लैब स्थापित करने में 15 लाख का खर्च
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि ऐसी एक साइंस प्रयोगशाला को स्थापित करने में 15 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। विद्यालय अपने विकास फंड का इस्तेमाल इससे जुडे़ फर्नीचर आदि खरीदने में कर सकते हैं। कहा कि 9 हजार 360 प्लस टू विद्यालयों में हम ऐसा लैब स्थापित करना चाहते हैं। यह बड़ी बात है कि आईआईटी जैसे बड़े संस्थान राज्य के स्कूलों में लैब स्थापित करेंगे। स्कूल स्तर पर ही बच्चों को आईआईटी फैकेल्टी के शिक्षकों का सानिध्य मिलना भी बड़ी बात होगी।
दूसरे राज्य के लोग बिहार के स्कूलों में साइंस लैब देखने आएंगे
IIT पटना के निदेशक प्रो. त्रिलोक नाथ ने इस अवसर पर कहा कि प्रैक्टिस से ही आदमी परफैक्ट बनता है। नई शिक्षा नीति में भी बच्चों की एनालैटिकल थिंकिंक को बढ़ाने पर फोकस है। साइंस लैब इसे विकसित करने में सबसे मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में साइंस लैब स्थापित किए जा रहे हैं वहां के प्रधानाध्यापक को उसे ठीक से चलाने की जवाबदेही लेनी होगी। हम ऐसा लैब स्थापित कर रहे हैं जिसे दूसरे राज्य भी देखने के लिए बिहार आएं।
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