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नई दिल्ली: आईपीएल 2020 में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) की तरफ से धमाल मचाने वाले टी नटराजन (टी नटराजन) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे टीम मे शामिल किया गया। बीसीसीआई (बीसीसीआई) की सेलेक्शन कमिटी ने ये फैसला किया है .. हालांकि आज के वनडे मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया गया। नजराजन को नवदीप सैनी (नवदीप सैनी) के बैकअप के तौर पर रखा गया है, वहीं सैनी आज के मैच का हिस्सा बने हैं। गौरतलब है कि टी नटराजन पहले से भारतीय टी 20 टीम का हिस्सा हैं।
NEWS – टी नटराजन को भारत की वनडे टीम में शामिल किया गया
अखिल भारतीय वरिष्ठ चयन समिति ने शुक्रवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए टी नटराजन को भारत की टीम में शामिल किया है।
रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा की फिटनेस पर अपडेट यहां – https://t.co/GIX8jgnHvI pic.twitter.com/VuDlKIpRcL
– बीसीसीआई (@BCCI) 26 नवंबर, 2020
डेथ ओवर के एक्सपर्ट्स
नटराजन की डेथ ओवर्स के एक्सपर्टर्स गेंदबाज के रूप में पहचान आईपीएल 2020 (आईपीएल 2020) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यॉर्कर से लगातार करीबी बल्लेबाजों को आउट किया। इस दौरान उन्होंने अपने माता पिता के लिए घर बनाया, अपनी बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, TN के सem जिला स्थित अपने गांव शिकनापामपट्टी में एकेडमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने टीएम की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।
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खाक से खास तक का सफर
नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में 3 करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में अपना खुद का पहला मैच खेलने का मौका मिला। आईपीएल टी -20 में नटराजन ने सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेले गए 16 मैचों में 16 विकेट हासिल किए थे। दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) के खिलाफ हैदराबाद की जीत में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी। उन्होंने 14 वें और 18 वें ओवर में कई यॉर्कर करके शिष्यों को परेशानी में रखा। उन्होंने 4 ओवर में 21 रन दिए।
माँ आज भी बेचती हैं चिकन
अपनी खूबसूरत यॉर्कर की वजह से क्रिकेट में अपनी खास पहचान बनाने वाले टी नटराजन (टी नटराजन) ने अपने परिवार के लिए वो सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचने छोड़ने से मना नहीं पाया था। नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे लेकिन इस खिलाड़ी ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।
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