Home Business Indian Banks Job: बैकों में धड़ाधड़ क्‍यों म‍िल रही नौकर‍ियां, प‍िछले 10 साल में दीं सबसे ज्‍यादा जॉब

Indian Banks Job: बैकों में धड़ाधड़ क्‍यों म‍िल रही नौकर‍ियां, प‍िछले 10 साल में दीं सबसे ज्‍यादा जॉब

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Indian Banks Job: बैकों में धड़ाधड़ क्‍यों म‍िल रही नौकर‍ियां, प‍िछले 10 साल में दीं सबसे ज्‍यादा जॉब

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Jobs Record News: जॉब देने के मामले में भारतीय बैंकों की तरफ से जबरदस्‍त तेजी दर्ज की गई है. प‍िछले एक दशक में बैकों के नौकरी देने की रफ्तार सबसे तेज रही है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2012 के बाद 2023 में बैंक‍िंग सेक्‍टर में लोगों को सबसे ज्‍यादा नौकर‍ियां म‍िली हैं. बैंक‍िंग सेक्‍टर के टॉप ऑफ‍िसर्स ने ट्रेंड के व‍ित्‍त वर्ष 2024 में भी जारी रहने की उम्‍मीद की है. इकोनॉम‍िक टाइम्‍स में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार नई नियुक्तियों की होड़ पिछले साल के रिकॉर्ड से ऊपर जा सकती है. इतना ही नहीं यह आंकड़ा अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है.

पिछले 10 साल का सबसे ज्‍यादा आंकड़ा

र‍िजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, पब्‍ल‍िक और प्राइवेट सेक्‍टर के बैंकों ने पिछले वित्तीय वर्ष में कुल म‍िलाकर 123,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया. यह आंकड़ा पिछले 10 साल में सबसे ज्‍यादा है. इस दोरान प्राइवेट बैंकों ने तेजी से नियुक्तियां की हैं. खासतौर पर कस्‍टमर इंटरफेस और टेक्‍नोलॉजी फंक्‍शन में र‍िक्रूटमेंट क‍िये गए. न‍िजी बैंकों का मकसद अपने ब्रांच नेटवर्क को टियर 3 और रूरल एर‍िया में तेजी से बढ़ाने का है.

2012 में 1.24 लाख नौकर‍ियां दी गईं
व‍ित्‍त वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में कर्मचारियों की संख्या 61% बढ़ी. इसका असर यह हुआ क‍ि कुल कर्मचार‍ियों की संख्या सालाना आधार पर 7.4% बढ़कर 1.76 मिलियन (17.6 लाख) हो गई. फाइनेंश‍ियल ईयर 2011 में 125,000 नई नियुक्तियों के साथ बैंकिंग क्षेत्र में अब तक की सबसे ज्‍यादा नौकर‍ियों में सालाना वृद्धि देखी गई. इसके बाद वित्त वर्ष 2012 में बैंकों की तरफ से 124,000 लोगों को नौकर‍ियां दी गई थीं.

हर द‍िन 350 नए कर्मचार‍ियों को जोड़ा
ईटी की र‍िपोर्ट के अनुसार प्राइवेट सेक्‍टर के द‍िग्‍गज बैंक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बंधन बैंक और एयू बैंक समेत 15 न‍िजी बैंकों ने 2023 के हर वर्क‍िंग डे में करीब 350 नए कर्मचार‍ियों को जोड़ा. अगर रिप्लेसमेंट हायरिंग के आंकड़े भी इसमें जोड़ द‍िये जाए तो हर वर्क‍िंग डे पर नौकरी म‍िलने वाले कर्मचार‍ियों की संख्‍या 600 हो जाती है. इसके आधार पर आने वाले साल में कर्मचार‍ियों की संख्‍या अब तक के र‍िकॉर्ड 2011 के आंकड़े को पार कर सकती है.

रूरल ग्रोथ का फायदा उठाना चाह रहे बैंक
एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉम‍िस्‍ट अभीक बरुआ ने बताया क‍ि र‍िटेल लोन बढ़ने, हाउस‍िंग ड‍िमांड और इकोनॉमी में तेजी से बैंकों में कर्मचारियों की मांग बढ़ी है. एक्‍स‍िस बैंक के एचआर हेड राजकमल वेम्‍पत‍ि का कहना है क‍ि हर बैंक रूरल एर‍िया में ग्रोथ का फायदा उठाना चाहता है. बैंक तेजी से सेमी अर्बन और रूरल एर‍िया में पहुंच रहे हैं. बैंकों में नौकर‍ियों के बढ़ते अवसर के बीच पुराने कर्मचारी को अपने साथ जोड़े रखने की मशक्कत भी बैंकों को करनी पड़ रही है.

बैंकों में नौकर‍ियां बढ़ने का कारण
र‍िटेल लोन में तेजी से बढ़ोतरी, हाउस‍िंग ड‍िमांड और इकोनॉमी में वृद्ध‍ि से भी बैंकों में मैनपावर की भारी मांग हो रही है. साल 2023 में कर्मचार‍ियों की संख्‍या व‍ित्‍त वर्ष 2022 की तुलना में 61 परसेंट बढ़ी है. आने वाले साल में यह आंकड़ा मौजूदा 1.23 लाख से ऊपर जाने की उम्‍मीद की जा रही है. साल 2023 से पहले 2011 में 1.25 लाख और 2012 में 1.24 लाख कर्मचार‍ियों की न‍ियुक्‍त‍ि की गई थी.

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