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Redevelopment of Railway Stations: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यात्रियों के संशय को दूर करते हुए कहा है कि पुनर्विकास परियोजना के लिए लगभग 25,000 करोड़ रुपये वर्तमान बजट के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा की सुविधा प्रदान करना है. रेल मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आम लोगों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए काम कर रहे हैं. स्टेशन पुनर्विकास का उद्देश्य भी यही है. हम चाहते हैं कि उन पर कोई बोझ डाले बिना विश्वस्तरीय स्टेशन हों. हमने स्टेशन पुनर्विकास के नाम पर किराया नहीं बढ़ाया है या कोई शुल्क नहीं लगाया है.
रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास
रेलवे ने देश के लगभग 1,300 प्रमुख स्टेशन को ‘अमृत भारत स्टेशन’ के रूप में पुनर्विकसित करने की योजना बनाई गई है. रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने 508 ‘अमृत भारत स्टेशन’ की आधारशिला रखी. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 55-55 स्टेशन विकसित किए जाएंगे, मध्य प्रदेश में लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से 34 स्टेशन और महाराष्ट्र में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से 44 स्टेशन विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल सहित कई राज्यों के रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा.
किसी भी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा बनने के लिए लगभग 9,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि उन्हें परियोजना की बारीकियों से अवगत कराया जा सके, जिसमें अनुबंध दस्तावेजों, वास्तुकला, डिजाइन और सुरक्षा का विश्लेषण शामिल है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए किसी भी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दी जानकारी
पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 9 सालों में, देश में बिछाई गई रेल पटरी की लंबाई दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, ब्रिटेन और स्वीडन में संयुक्त रेलवे नेटवर्क से अधिक है. मोदी ने कहा कि पिछले साल ही भारत ने दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त रेलवे नेटवर्क से भी ज्यादा रेल पटरी बिछाई है.
(इनपुट: एजेंसी)
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