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Indian Railways Privatisation: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है. भारतीय रेलवे के निजीकरण पर सरकार का बड़ा बयान सामने आया है. केंद्रीय रेल मंत्री अशिनी वैष्णव ने कहा है कि भारतीय रेलवे का निजीकरण करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. दरअसल, सरकार अन्य निजीकरण को लेकर आपका रुख साफ कर चुकी है. ऐसे में, इससे पहले रेलवे के निजीकरण को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं. आइये जानते हैं विस्तार से.
रेल मंत्री ने दी बड़ी जानकारी
लोकसभा में लिखित सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट रूप से कहा है, ‘सरकार ने पहले भी कहा है और एक बार फिर हम सभी को कहना चाहते है भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा.’ ऐसे में, रेलवे के निजीकरण को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
भारतीय रेलवे का होगा कायाकल्प!
रेल मंत्री ने ओने जवाब में कहा है कि भारतीय रेलवे आने वाले समय में और एडवांस हो जाएगा, इसके लिए लगातार तेजी से परियोजनाएं चल रही है. रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे की तरफ से गति शक्ति कार्गो टर्मिनल (GCT) नीति के तहत अगले तीन वर्षों में जीसीटी विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि 22 जीसीटी पर पहले से ही काम चल रहा है. इसके अलावा अलग-अलग जगहों से रेलवे को 125 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 79 को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी गई है. दरअसल, रेलवे लगातार रेल पटरी विकास करने और सिंगल लाइन को डबल करने में लगी हुई है, ताकि ऐसी जगहों पर सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिल सके.
गैर-रेलवे भूमि पर विकसित होगा टर्मिनल
रेल मंत्री ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि टर्मिनल को गैर-रेलवे भूमि पर विकसित करना है, जिसके लिए जीसीटी आपरेटरों को सही जगह चुनने की जिम्मेदारी दी गई है. रेल मंत्री के अनुसार, टर्मिनल के निर्माण और संचालन के लिए जीसीटी आपरेटरों का चयन निविदा प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा.
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