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Kisan Andolan News: किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) का असर पहले दिन ही दिखने लगा है. इस आंदोलन की वजह से लोगों को घंटों जाम में खड़ा होना पड़ रहा है. इसके अलावा बेसिक जरूरतों के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में टिकरी बॉर्डर के आसपास अपनी फैक्ट्री चलाने वाले लोग काफी डरे सहमे हैं… उनका कहना है कि पहले किसान आंदोलन और फिर कोरोना की मार से अभी तक उभरे नहीं थे कि एक बार फिर किसानों ने दिल्ली चलो का आह्वान किया है.
किसानों के आंदोलन से इन्हें डर है कि अगर एक बार फिर रास्ते बंद हो जाएंगे तो यह क्या करेंगे? ये लोग किसानों से अनुरोध कर रहे है कि आप लोग अपनी मांगे रखें लेकिन डेस्टिनेशन बहादुरगढ़ ना रखें.
बॉर्डर बंद होने से नहीं मिल रहा कच्चा माल
पिछली बार टिकरी बॉर्डर बंद होने से यहां के कारोबारी को कच्चा माल नहीं मिल पाया और ना ही ट्रांसपोर्ट यहां पर आ पाया था, जिसकी वजह से काफी परेशानियां हुई कई कारोबार बंद भी हुए तो कुछ लोग बेरोजगार भी हुए. इस बार ऐसा ना हो कि कारोबार को बंद करना पड़ जाए.
लोगों में सता रहा डर
बता दें आंदोलन की वजह से समस्याएं अभी से शुरू हो चुकी हैं ट्रांसपोर्टर ने अभी से आना मना कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को बेरोजगारी का डर सता रहा है. इनका कहना है कि पहले जिस तरह के हालात हुए थे उसमें कई लोग बेरोजगार हो गए थे.
क्या है किसानों की मांगे?
बता दें किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. किसानों ने दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है. इसके अलावा साल 2021-22 में जिन किसानों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. उस मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई है.
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