Interest Rate: मूडीज ने एक बड़ी आशंका जाहिर की है. इस आशंका के चलते कारोबारियों पर असर देखने को मिल सकता है. साथ ही उनके काम-धंधे पर भी असर देखने को मिल सकता है. दरअसल, ब्याज दरों में वृद्धि के कारण पुनर्भुगतान राशि बढ़ गई है और संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) कर्जदारों के लिए पुनर्वित्त के विकल्प सीमित हो गए हैं. ऐसे में इन कर्ज को लेकर चूक का जोखिम बढ़ गया है. मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को यह आशंका जाहिर की है.
इसके साथ ही मूडीज ने कहा, ”यहां तक कि अगर आरबीआई नीतिगत दर में वृद्धि अब रोक देता है, तो भी पुनर्भुगतान की राशि एसएमई कर्जदारों की ऋण चुकाने की क्षमता पर भार डालेगी. इसके अलावा, पिछले वर्ष ब्याज दर में हुए बढ़ोतरी ने इस संभावना को कम कर दिया है कि संपत्ति के बदले कर्ज ले रखे कर्जदार ऋण अदायगी में परेशानी होने पर अधिक उदार शर्तों पर पुनर्वित्त प्राप्त करने में सक्षम होंगे.”
ब्याज दर इसके अलावा भी एजेंसी की ओर से कई तरह की बातें बताई गई है. एजेंसी की ओर से कहा गया है कि पिछले एक साल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए वित्त पोषण की लागत में वृद्धि की है.
एनबीएफसी इसके अलावा एनबीएफसी ने वित्त पोषण की लागत बढ़ने पर संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले छोटे और मझोले उद्यमों से संबंधित कर्जदारों के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है. ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि ये कर्ज अदा करने में चूक कर सकते हैं.
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