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Microsoft layoffs: एक भारतीय शख्स ने दिग्गज कपंनी माइक्रोसॉफ्ट के लिए 21 सालों तक लगातार काम किया लेकिन कंपनी ने अब उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है. माइक्रोसॉफ्ट लेऑफ में नौकरी का गंवाने वाले शख्स का कहना है कि इस खबर से उसे और उसके परिवार को गहरा आघात लगा है. Microsoft ने 18 जनवरी को कहा था कि वह 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी. यह कंपनी के वर्कफोर्स का करीब लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा है क्योंकि इस छंटनी के जरिए कंपनी खुद को संभावित मंदी के लिए तैयार कर रही है. छंटनी की चपेट में आए इस शख्स ने कंपनी के लिए गहरी कृतज्ञता जताई. नौकरी गवांने वाले शख्स का नाम प्रशांत कमानी है जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ अपना करियर शुरू किया और 21 सालों के दौरान अलग-अलग पदों पर कंपनी के साथ काम किया था.
सेंट स्टीफेंस कॉलेज दिल्ली से पास आउट
आपको बता दें कि प्रशांत कमानी ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर्स किया है. कॉलेज के बाद उनकी पहली नौकरी माइक्रोसॉफ्ट के साथ थी जिसके लिए वे अमेरिका चले गए थे. कुल मिलाकर प्रशांत कमानी को माइक्रोसॉफ्ट में काम करने का 2 दशकों का तर्जुबा था. कमानी ने साल 1999 में सॉफ्टवेयर डिजाइन इंजीनियर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था जिसके बाद उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्रबंधक की पोस्ट पर काम करना शुरू किया. इसके बाद 2 साल Amazon में बिताए फिर वापस से Microsoft में प्रिंसिपल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर पद पर काम करना शुरू किया.
हजारों नौकरियों पर अब भी लटकी है तलवार
Microsoft के बड़े पैमाने पर छंटनी की तैयारी गई है. इससे प्रभावित हुए दूसरे कर्मचारियों ने प्रशांत की तरह बात करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने पहले ही इस बात कि जानकारी थी कि साल 2023 में कंपनी बड़े पैमाने पर वर्कफोर्स में कटौती करेगी. हालांकि सीईओ सत्या नडेला ने ये भी कहा कि हम कुछ जरूरी फिल्ड्स में नियुक्तियां जारी रखेंगे. आपको बता दें कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने भी कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने का इशारा दिया है.
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