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Small Savings Scheme: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से छोटी बचत योजनाओं में पैसा लगाने वालों को राहत दे दी है. अगर आपने भी पीपीएफ (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) समेत स्मॉल सेविंग्स स्कीम में पैसा लगा रखा है तो अब सरकार की तरफ से नियमों में बड़ी राहत दे दी गई है. नए मानदंडों के तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत खाता खोलने को तीन महीने का समय मिलेगा, जबकि वर्तमान में यह अवधि एक महीने की है.
सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोई व्यक्ति रिटायर होने की तारीख से तीन महीने के अंदर सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में अपना अकाउंट खोल सकता है. सरकार की तरफ से यह नोटिफिकेश 9 नवंबर को जारी किया गया है.
खाते को बंद करने के भी बदले नियम
अधिसूचना में कहा गया कि मैच्योरिटी की तारीख या एक्सटेंडेड मैच्योरिटी की तारीख पर योजना के लिए तय दर से ब्याज मिलेगा. सार्वजनिक भविष्य निधि के मामले में खातों को समय से पहले बंद करने के संबंध में कुछ बदलाव किए गए हैं.
सार्वजनिक भविष्य निधि (संशोधन) योजना
नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस योजना को सार्वजनिक भविष्य निधि (संशोधन) योजना, 2023 कहा जा सकता है.
पैसा निकालने के भी बदले नियम
इसके अलावा, राष्ट्रीय बचत सावधि जमा योजना (National Savings Fixed Deposit Scheme) के तहत समय से पहले निकासी के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं. यदि पांच साल की अवधि वाले खाते में जमा राशि खाता खोलने की तारीख से चार साल के बाद समय से पहले निकाली जाती है, तो डाकघर बचत खाते पर लागू दर से ब्याज देय होगा. मौजूदा नियमों के मुताबिक, उक्त स्थिति में तीन-वर्षीय सावधि जमा खाते के लिए स्वीकार्य दर से ब्याज दिया जाता है. छोटी बचत योजनाओं का प्रबंधन वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा किया जाता है.
9 तरह की चलाई जा रही हैं सेविंग्स स्कीम
आपको बता दें केंद्र सरकार की तरफ से 9 तरह की सेविंग्स स्कीम चलाई जा रही हैं. इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), महिला सम्मान बचत सर्टिफिकेट (Mahila Samman Saving Certificate), रिकरिंग डिपॉजिट (RD), किसान विकास पत्र (KVP), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) और सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSC) शामिल हैं. इन सभी योजनाओं पर सरकार की तरफ से मोटे ब्याज का ब्याज का फायदा मिलता है. इसके साथ ही इन योजनाओं की ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जाता रहता है.
इनपुट – भाषा एजेंसी के साथ
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