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नई दिल्ली : Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) मंगलवार को देश का आम बजट (Budget 2022-23) पेश करेंगी. कोरोना महामारी के कारण इस बजट में सरकार के सामने हर बार के मुकाबले ज्यादा चुनौतियां हैं. महामारी से देश धीरे-धीरे उबर रहा है. इस बार बजट से पहले होने वाली हलुवा सेरेमनी भी नहीं हुई. साथ ही पिछले साल की तरह बजट की पेपर प्रिंटिंग नहीं होगी और डिजिटल तरीके से बजट डॉक्यूमेंट्स मुहैया कराए जाएंगे. आइए जानते हैं इस बजट से आम आदमी की 10 बड़ी उम्मीदों के बारे में.
सैलरीड क्लास को टैक्स में राहत की उम्मीद
2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्सी की बेसिक छूट को दो लाख बढ़ाकर ढाई लाख किया था. इस बार टैक्स पेयर्स को वित्त मंत्री से उम्मीद है कि बेसिक छूट का दायरा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होगा. इसके अलावा टैक्स स्लैब में भी लंबे समय बाद बदलाव की उम्मीद है.
बढ़ सकती है 80C की लिमिट
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेक्शन 80C की लिमिट डेढ़ लाख से बढ़कर दो लाख रुपये तक हो सकती है. अभी 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके पीछे तर्क ये है कि 80C में जरूरत से ज्यादा टैक्स विकल्पों की भरमार है, इसलिए इसकी लिमिट बढ़ानी चाहिए. आपको बता दें ELSS, PF, टर्म प्लान का प्रीमियम, बच्चों की फीस, होम लोन रीपेमेंट समेत 10 खर्चों को 80C में डाला गया है.
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होम लोन प्रिंसिपल पर अलग से टैक्स छूट
रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 80सी से अलग छूट दी जानी चाहिए. अभी यह 80C में ही शामिल है, जिसमें आप डेढ़ लाख तक क्लेम कर सकते हैं. रियल एस्टेट सेक्टर का सुझाव है कि बजट में टैक्स छूट की सीमा (tax exemptions) बढ़ाने से हाउसिंग इंडस्ट्री में डिमांड बढ़ेगी.
बढ़ सकती है किसान सम्मान निधि की राशि
किसानों की नाराजगी दूर करने और उनकी कमाई बढ़ाने के लिए सरकार किसान सम्मान निधि को बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. अभी किसानों को PM Kisan Yojna के तहत 6,000 रुपये सालाना मिलता है, जिसे बजट में बढ़ाकर आठ हजार रुपये तक किया जा सकता है.
बढ़ सकता है कृषि लोन का लक्ष्य
कृषि कानूनों के विरोध के बाद सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए कृषि लोन का लक्ष्य बढ़ा सकती है. खबरों की मानें तो सरकार वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एग्रीकल्चर लोन बढ़ाने पर विचार कर रही है. ऐसा होता है तो यह किसानों के हित में बड़ा कदम माना जाएगा.
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किसान क्रेडिट कार्ड की बढ़ सकती है लिमिट
सूत्रों की मानें तो सरकार इस बार KCC की लिमिट बढ़ाने जा रही है. अभी तक किसानों को केसीसी के जरिये 3 लाख रुपये तक का लोन 7 फीसदी सालाना की दर पर मिलता है. समय से पहले KCC लोन का भुगतान करने पर 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलती है. यानी 4 फीसदी पर किसानों को सालभर के लिए लोन मिल जाता है. अब उम्मीद है कि इसकी लिमिट बढ़ाई जाएगी.
हेल्थ सेक्टर पर रहेगा फोकस
कोरोना महामारी के कारण इस बार के बजट में भी हेल्थ सेक्टर पर फोकस रहने की पूरी उम्मीद है. जानकारों का मानना है कि इस बार के बजट में पिछले साल की वैक्सीनेशन के लिए रिजर्व फंड दिया जा सकता है.
वर्क फ्रॉम होम अलाउंस
पिछले करीब दो साल से तमाम कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी लागू होने से एम्पलाई का बिजली, फर्नीचर, ब्राडबैंड आदि का खर्च बढ़ गया है. ऐसे में नौकरीपेशा वर्क फ्रॉम होम अलाउंस देने की मांग कर रहे हैं. पिछले दिनों टैक्स सर्विसेज और फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनी Deloitte India ने कहा था यदि सरकार सीधे तौर पर अलाउंस नहीं दे सकती तो आयकर में छूट का प्रावधान करे.
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NPS में निवेश पर टैक्स छूट बढ़ सकती है
उम्मीद है कि सरकार नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर 80CCD(1B) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है. अभी NPS में निवेश पर 50,000 रुपये तक टैक्स छूट मिलती है. ये टैक्स छूट 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की छूट के ऊपर है. यानी कुल छूट 2 लाख रुपये हो जाती है.
पीपीएफ की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
चार्टड अकाउंटेंट की संस्था ICAI ने वित्त मंत्री को अपना सुझाव दिया है. ICAI की तरफ से वित्त मंत्री को पीपीएफ में निवेश की अधिकत्तम सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है. आईसीएआई के मुताबिक पीपीएफ में निवेश की सीमा को बढ़ाने से जीडीपी में घरेलू सेविंग की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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