2 लोगों के बीच बांट दी जाती है सीट
भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक RAC का टिकट (Facilities for RAC Ticket Holders) मिलने पर एक बर्थ को दो यात्रियों में बांट दिया जाता है. यानी कि एक सीट पर RAC टिकट धारी 2 यात्रियों को बैठकर सफर करना होता है. इन लोगों को सोने के लिए सीट नहीं मिलती. हालांकि आपसी रजामंदी से दोनों यात्री बारी-बारी से उस सीट पर सो सकते हैं. अगर कंफर्म सीट में से कोई भी एक यात्री अपनी सीट कैंसल करवाता है तो RAC स्टटेस वाले यात्री को पक्की सीट दे दी जाती है.
RAC वाले पैसेंजर्स के लिए है ये नियम
अब सवाल आता है कि क्या RAC वाले यात्रियों (Facilities for RAC Ticket Holders) को एसी कोच में तकिया, कंबल और बेडशीट की सुविधा मिलती है तो इसका जवाब हां. असल में पहले RAC वाले पैसेंजर्स को ये सुविधा नहीं मिलती थी, जिसके चलते एसी कोच में बैठकर सफर करने वाले वे यात्री ठंड से परेशान हो जाते थे. यात्रियों की इस दिक्कत को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2017 से RAC वाले पैसेंजर्स को भी ये सुविधा देने का फैसला किया. अब RAC सीट पर बैठने वाले दोनों यात्रियों को तकिया, 1-1 बेडशीट और एक कंबल दिया जाता है. जबकि कंफर्म सीट वाले यात्रियों को 1 तकिया, 2 बेडशीट, 1 कंबल और 1 तौलिया दिया जाता है.
क्या ‘वेटिंग’ वाले यात्रियों को भी मिलती है सुविधा?
कई बार टिकट बुक करवाने पर उसके स्टेटस में ‘वेटिंग’ (Facilities for Waiting Ticket Holders) लिखा हुआ नजर आता है. यह टिकट बुकिंग कंफर्म और आरएसी के बाद की तीसरी श्रेणी है. यानी कि कंफर्म और आरएसी वालों को पक्की सीट मिलने के बाद अगर कोई बर्थ बचती है तो उसे वेटिंग लिस्ट वालों को दिया जाएगा. अमूमन वेटिंग टिकट वालों को सीट पक्की होने के चांस 50-50 फीसदी होते हैं. जिन लोगों को वेटिंग टिकट मिला होता है, वे रिजर्वेशन वाले कोच में सफर नहीं कर सकते. ऐसे यात्रियों को उस ट्रेन के जनरल डिब्बे में सफर करना पड़ता है. ऐसे यात्रियों को कोई एक्स्ट्रा सुविधा भी नहीं मिलती है.