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अमेरिका कैसे बढ़ा रहा है अवैध भारतीय प्रवासियों का निर्वासन

अमेरिका कैसे बढ़ा रहा है अवैध भारतीय प्रवासियों का निर्वासन

हाल ही में अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच हुई बैठक में “अनियमित प्रवासन” का मुद्दा मुख्य चर्चा का विषय रहा। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ रही है और उनके निर्वासन (डिपोर्टेशन) की घटनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं।

भारतीय प्रवासन की पृष्ठभूमि

अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों में भारतीय नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से कई लोग मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों, विशेषकर मैक्सिको, के माध्यम से खतरनाक रास्तों का उपयोग करते हैं। ये प्रवासी अक्सर मानव तस्करों की मदद लेते हैं और बेहतर अवसरों की तलाश में अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

अमेरिका की कार्रवाई

  1. सख्त सीमा नियंत्रण: अमेरिका ने मैक्सिको सीमा पर निगरानी और प्रवासियों की जांच को सख्त कर दिया है। इसके तहत मध्य अमेरिकी देशों के साथ साझेदारी कर अवैध प्रवासन को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  2. निर्वासन उड़ानें (Deportation Flights): अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने उन भारतीयों के लिए निर्वासन अभियानों को तेज़ कर दिया है जो शरण के लिए पात्र नहीं पाए गए या जिनके वीजा की समय सीमा समाप्त हो चुकी है।
  3. तेज़ शरण प्रक्रिया: शरण आवेदनों की सुनवाई की प्रक्रिया को तेज़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे शरण के फैसले जल्दी आ रहे हैं और शरण से वंचित प्रवासियों का डिपोर्टेशन तेज़ हो रहा है।

भारत की स्थिति

पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों से अवैध रूप से प्रवासन की घटनाएं अधिक हो रही हैं। इसके पीछे आर्थिक दबाव, बेरोजगारी और बेहतर जीवन स्तर की चाह मुख्य कारण हैं। कुछ प्रवासी धार्मिक और राजनीतिक उत्पीड़न का हवाला देकर शरण मांगते हैं, लेकिन अमेरिका अब इन दावों की सख्ती से जांच कर रहा है, जिससे शरण आवेदन अस्वीकार होने की संख्या बढ़ रही है।

द्विपक्षीय बातचीत के मुख्य बिंदु

रुबियो और जयशंकर के बीच हुई बातचीत में अनियमित प्रवासन से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा हुई:

निर्वासन का प्रभाव

निर्वासन में वृद्धि भारत में चिंता का विषय बन गई है। अक्सर परिवार अपने रिश्तेदारों की प्रवासन यात्रा के लिए भारी कर्ज लेते हैं। निर्वासित होने के बाद इन लोगों को आर्थिक संकट और सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ता है। अमेरिका में भी प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार और अमानवीय व्यवहार को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने आवाज़ उठाई है।

आगे का रास्ता

रुबियो और जयशंकर के बीच बातचीत अवैध प्रवासन की समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में दोनों देश इन मुद्दों पर ध्यान दे सकते हैं:

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