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मार्को रुबियो का पनामा के चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से बाहर निकलने पर स्वागत

Photograph: Mark Schiefelbein/Reuters

मार्को रुबियो का पनामा के चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से बाहर निकलने पर स्वागत

मार्को रुबियो का पनामा के चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से बाहर निकलने पर स्वागत: अधिक जानकारी

अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने पनामा के चीन के साथ अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना से बाहर निकलने के फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया। पनामा ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत जारी इंफ्रास्ट्रक्चर समझौतों को रद्द करने का निर्णय लिया था, जो चीन के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने और देशों में रणनीतिक परियोजनाओं के माध्यम से प्रभाव स्थापित करने की कोशिशों का हिस्सा था।

रुबियो का बयान

मार्को रुबियो ने कहा कि पनामा का यह कदम “एक महान कदम आगे” है, जो संप्रभुता, स्वतंत्रता और अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के मामले में महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कदम चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने और अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करने की दिशा में सही निर्णय था।

रुबियो के अनुसार, यह कदम न केवल पनामा के लिए स्मार्ट और आत्मनिर्भर निर्णय है, बल्कि चीन की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भी प्रभावी तरीके से झटका है। उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि पनामा अब अपने भविष्य को चीन के दबाव के तहत नहीं बिता सकता

पनामा का निर्णय

पनामा सरकार ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत चीन से सहयोग को समाप्त करने का निर्णय लिया है। BRI, चीन की एक विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है, जो कई देशों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ऋण देती है, लेकिन इसे चीनी आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के रूप में भी देखा जाता है। पनामा का यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक हितों के मद्देनजर लिया गया था।

चीन के खिलाफ बढ़ता विरोध

पनामा का यह कदम चीन के प्रभाव से बचने के लिए लिया गया था, खासकर उन देशों में, जिन्होंने चीन से भारी ऋण लिया था और अब वे ऋण चुकाने में संघर्ष कर रहे हैं। पनामा का फैसला यह दिखाता है कि अब कई देशों में चीन के प्रभाव के खिलाफ अधिक सतर्कता बढ़ रही है। रुबियो ने अमेरिका और अन्य लोकतांत्रिक देशों को भी चीन के खिलाफ मिलकर खड़े होने की अपील की।

ब्राजील, अर्जेंटीना, और अन्य देशों पर प्रभाव

यह फैसला पनामा के अलावा अन्य लातिन अमेरिकी देशों के लिए भी एक संदेश हो सकता है, जो चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं। कई देशों ने चीनी निवेश की शर्तों और कर्ज की जटिलताओं पर सवाल उठाए हैं, और पनामा का यह कदम नौबत आने पर चीन से वापस लौटने के लिए एक उदाहरण बन सकता है। रुबियो ने इस संदर्भ में अन्य देशों को भी चीन के प्रभाव से बाहर निकलने और अपनी संप्रभुता बनाए रखने की सलाह दी है।

चीन का प्रतिकिया

हालांकि, चीन ने इस कदम पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजिंग के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि पनामा जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान पर चीन की मौजूदगी को लेकर उम्मीदें थीं। पनामा के पनामा नहर जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से भी चीन के प्रभाव को जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन पनामा का यह कदम अब उस दृष्टिकोण को कमजोर करता है।

समाप्ति और भविष्य

पनामा के इस निर्णय ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतर्गत आने वाले देशों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इस तरह के समझौतों से उबरना और चीन के दबाव से बाहर निकलना उनके लिए ज्यादा लाभकारी होगा। भविष्य में, यह निर्णय अन्य देशों के लिए भी मॉडल बन सकता है, जो चीन से संबंधित अपने आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को पुनर्विचार करने पर विचार कर रहे हैं।

इस कदम को पनामा के लिए संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के रूप में देखा जा सकता है, और इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण माना जा रहा है, जिससे अन्य देशों को भी संकीर्ण आर्थिक विचारधाराओं से परे सोचने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

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